प्रेमिका दिव्यांग युवक की रिश्ते में साली लगती थी। दिव्यांग होने के कारण ही लड़की के घर वाले शादी करने को तैयार नहीं थे। इसलिए युवक ने पहले युवती को गोली मारने के बाद खुद को भी मारकर जान दे दी।
तीन भाइयों में सबसे बड़ा था मुकेश
दरअसल, तिंदुलिया गांव के ओमकार सिंह यादव के तीन बेटों में मुकेश यादव सबसे बड़ा था। वह एक पैर से दिव्यांग था। इसलिए उसकी शादी नहीं हुई। वहीं, दो साल पहले छोटे भाई धीरेंद्र का विवाह लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी क्षेत्र के अमीरनगर के पास परसपुर गांव से हुआ था।
दरअसल, तिंदुलिया गांव के ओमकार सिंह यादव के तीन बेटों में मुकेश यादव सबसे बड़ा था। वह एक पैर से दिव्यांग था। इसलिए उसकी शादी नहीं हुई। वहीं, दो साल पहले छोटे भाई धीरेंद्र का विवाह लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी क्षेत्र के अमीरनगर के पास परसपुर गांव से हुआ था।
धीरेंद्र की साली रामा और मुकेश के बीच प्यार हो गया। दोनों एक-दूसरे से फोन पर बात करते थे। रामा ने मुकेश से शादी की इच्छा परिजनों को बताई, लेकिन दिव्यांग होने के कारण रामा के परिजन मुकेश से उसकी शादी को तैयार नहीं थे।
मुकेश अपनी प्रेमिका के साथ चला आया घर
सोमवार को परसपुर गांव में धीरेंद्र केे चचेरे साले की शादी थी। उसमें शामिल होने के लिए तिंदुलिया से पूरे परिवार के साथ मुकेश भी परसरपुर गया था। इसी बीच बिना किसी को पता लगे मुकेश रामा को लेकर तिंदुलिया चला आया। मुकेश अपने घर में रहने के बजाय गांव के बाहर ने अपने चचेरे चाचा बादाम सिंह यादव के हाता में पहुंच गया।
सोमवार को परसपुर गांव में धीरेंद्र केे चचेरे साले की शादी थी। उसमें शामिल होने के लिए तिंदुलिया से पूरे परिवार के साथ मुकेश भी परसरपुर गया था। इसी बीच बिना किसी को पता लगे मुकेश रामा को लेकर तिंदुलिया चला आया। मुकेश अपने घर में रहने के बजाय गांव के बाहर ने अपने चचेरे चाचा बादाम सिंह यादव के हाता में पहुंच गया।
मंगलवार सुबह बादाम सिंह का बेटा अजमेर सिंह यादव पशुओं को चारा डालने के लिए हाता में गया तो उसने एक कमरे का दरवाजा हल्का खुला देखा। अजमेर ने जब पूरा दरवाजा खोला तो उसमें जमीन पर मुकेश घायल पड़ा था, रामा बेजान पड़ी थी। अजमेर शोर मचाता हुआ घर पहुंचा। आसपास के लोग पहुंच गए और को लेकर सीएचसी गए। वहां से मुकेश को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां पर मौत हो गई।