शाहजहांपुर। एक है बाबा स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand).. जो संत है, मठाधीश है, व्यवसायी है, नेता है, तीन बार सांसद और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रह चुका है। वहीं दूसरा बाबा है आसाराम (Asaram).. जो खुद को बापू कहलाना पसंद करता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, उमा भारती, शिवराज सिंह चौहान से लेकर दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, मोतीलाल वोरा जैसे बड़े बड़े राजनेताओं के साथ जिसके ऐसे संबन्ध रहे कि जब जो चाहे और जैसा चाहे, वैसा काम अपने पक्ष में करवा ले। लोगों की नजर में जो भगवान से कम नहीं था।
अपने इस रसूख के चलते इन दोनों ही बाबाओं को ये गुरूर था कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लिहाजा दिखावटी चोले की आड़ में दोनों अनैतिक काम करते रहे। कई बार आरोप लगे भी तो ऊंची पहुंच के चलते मामला रफा दफा हो गया। लेकिन कहा जाता है कि एक न एक दिन पाप का घड़ा जरूर फूटता है। इन दोनों बाबाओं का भी वो समय आया, जब हालातों के सामने इनकी रसूख ने भी घुटने टेक दिए और दोनों को आखिरकार सलाखों के पीछे जाना पड़ा। हैरानी की बात ये है कि चिन्मयानंद और आसाराम दोनों बाबाओं के गुरूर को तोड़कर इन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली सामान्य परिवार की लड़कियां हैं और दोनों एक ही शहर शाहजहांपुर से ताल्लुक रखती हैं। दोनों बाबा यौन शोषण के मामले में ही जेल में बंद हैं।
इनके काले चिट्ठे पर नजर डालते हुए पहले बात करते हैं आसाराम की। आसाराम का मामला वर्ष 2013 में तब उजागर हुआ जब शाहजहांपुर की 16 साल की एक नाबालिग लड़की ने उस पर जोधपुर आश्रम में बलात्कार करने का आरोप लगाया। छात्रा आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) स्थित गुरुकुल में पढ़ती थी। इलाज के नाम पर उसे जोधपुर के निकट आसाराम के मणाई आश्रम ले जाया गया, जहां आसाराम ने 15 अगस्त, 2013 की रात उसका यौन शोषण किया था। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में ये मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। एफ़आईआर में लड़की ने आरोप लगाया कि आसाराम ने रात उसे कमरे में बुलाया व 1 घंटे तक व यौन छेड़छाड़ की। इस मामले में आसाराम गिरफ़्तारी से बचने के लिए तमाम उपाय करता रहा। उसने इन्दौर जाकर प्रवचन देना शुरू कर दिया। पण्डाल के बाहर गिरफ़्तारी को पहुंची पुलिस के साथ उसके समर्थकों ने हाथापायी की। लेकिन आखिरकार 1 सितम्बर 2013 को राजस्थान पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया और विमान से जोधपुर ले गयी। वर्तमान में आसाराम जोधपुर जेल में बंद है।
आसाराम को जोधपुर केस में गिरफ्तार करने के दो महीने बाद ही गुजरात के सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बलात्कार का आरोप लगाया था। बड़ी बहन की शिकायत के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया था, छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद दिसंबर 2013 में आसाराम के बेटे नारायण साईं को भी गिरफ्तार किया गया था।
अब बात करते हैं चिन्मयानंद की। गोंडा जिले के रहने वाले चिन्मयानंद का असली नाम कृष्णपाल सिंह है। आज यानी 20 सितंबर 2019 को दुष्कर्म मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई है। आरोप लगाने वाली लड़की उसी के लॉ कॉलेज की छात्रा है। लड़की ने फेसबुक लाइव करते हुए चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद से एसआईटी मामले की जांच कर रही थी। छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ सबूत भी एसआईटी को सौंप दिए हैं। लेकिन गिरफ्तारी न होने से छात्रा नाराज थी और उसने आत्महत्या की धमकी दी थी। इसके बाद से चिन्मयानंद की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई थी। आज इस मामले में एसआईटी ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
लेकिन चिन्मयानंद पर भी यौन शोषण का ये पहला मामला नहीं है।। इससे पहले वर्ष 2011 में उसके आश्रम में रहने वाली शिष्या ने चिन्मयानंद के खिलाफ रेप और यौन शोषण का आरोप लगाया था। सात साल तक बलात्कार का केस भी चला, लेकिन अप्रैल 2018 में, यूपी की योगी सरकार ने केस वापस ले लिया था। लेकिन इस बार लॉ कॉलेज की छात्रा के मामले में सरकार और पुलिस पर चिन्मयानंद की गिरफ्तारी का दबाव था। हालांकि गिरफ्तारी से बचने के लिए चिन्मयानंद ने भी काफी पैंतरेबाजी की, लेकिन इस बार वो पैंतरे काम नहीं आए और उसको जेल जाना पड़ा। अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या होता है।
Hindi News / Shahjahanpur / रसूख के गुरूर में चूर देश के दो जाने माने बाबाओं को एक ही शहर की लड़कियों ने पहुंचाया सलाखों के पीछे, पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट!