शाहडोल

युवाओं ने समझा बेजुबानों का दर्द, गौशाला में बनाई व्यवस्था, रेस्क्यू कर घायल जानवरों की करते हैं सेवा

तैयार करा रहे सुविधायुक्त गौशाला, गोबर का भी करते हैं सदुपयोग

शाहडोलAug 10, 2020 / 12:38 pm

Ramashankar mishra

युवाओं ने समझा बेजुबानों का दर्द, गौशाला में बनाई व्यवस्था, रेस्क्यू कर घायल जानवरों की करते हैं सेवा

शहडोल. आए दिन सड़क हादसे व अन्य दुर्घटनाओं का शिकार होकर घायल हो रहे जानवरों की देखरेख व इलाज का नगर के युवाओं ने बीड़ा उठाया है। पढ़ाई के साथ ही घायल जानवरों की सेवा का संकल्प लेकर पूरी तन्मनयता से वह इस कार्य में लगे हुए है। नगर में संचालित धेनू सेवा संस्थान के अमन द्विवेदी 22 वर्ष व उनकी टीम को जहां भी जानवरों के घायल होने की सूचना मिलती है वह मौके पर पहुंच जाते हैं। जहां से घायल जानवरों को रेस्क्यू कर वह गौशाला में लाते हैं। जहां उनके इलाज के साथ सेवा का पूरा जिम्मा यही उठाते हैं। लगभग 15 वर्ष पूर्व अरिमर्दन प्रसाद मिश्रा, आनंद मिश्रा, संतोष शुक्ला सहित उनकी टीम द्वारा प्रारंभ किए गए धेनू सेवा संस्थान की पूरी जिम्मेदारी अब उनके बेटे व अन्य युवाओं की टीम सम्हाल रही है।
पहले करते थे इलाज
युवाओं की यह टीम पहले जहां भी घायल जानवरों की सूचना मिलती थी वहीं पहुंचकर उनका इलाज करते थे। इसके बाद उन्होने गौशाला में समुचित व्यवस्था बनाई व ऐसे जानवर जिन्हे ज्यादा दिनो तक इलाज की आवश्यक्ता है उनका रेस्क्यू कर गौ शाला में रख इलाज शुरु कर दिया। लगभग एक वर्ष में आधा सैकड़ा से भी अधिक जानवरों का उनके द्वारा रेस्क्यू कर इलाज किया गया। जिसमें गाय, बैल के अलावा कुत्ते, घोड़े के बच्चे सहित अन्य जानवर भी शामिल हैं।
गोबर से तैयार कर रहे खाद और कंडे
गौशाला में रह रहे जानवरों के गोबर का संस्थान के सदस्यों द्वारा पूरा सदुपयोग किया जा रहा है। गोबर से जहां अजोला व वर्मीपिट खाद तैयार की जा रही है। वहीं गोबर की लकड़ी भी तैयार की जा रही है। जिसके लिए बकायदे मशीन लगा रखी है।
यह है टीम में शामिल
धेनू सेवा संस्थान का शुरुआज अरिमर्दन मिश्रा, आंनद मिश्रा, संतोष शुक्ला, दीप शिखा शुक्ला व उनकी टीम द्वारा किया गया था। अब इस सेवा संस्थान में जानवरों की देखरेख, उनका रेस्क्यू, इलाज व सेवा की पूरी जिम्मेदारी अमन द्विवेदी, अभिषेक शुक्ला, यदुवासुदेव द्विवेदी, रामविनोद यादव, कोमल यादव, आद्या शुक्ला व उनकी टीम कर रही है।
बेडसोर से बचाने तैयार किया सैंड बॉक्स
हादसे में घायल जानवर पैर या फिर कमर टूटने व अन्य कारणों से खड़े हो पाने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे जानवरों के लगातार जमीन में पड़े रहने की वजह से बैड सोर की शिकायत हो जाती है। जिससे उनकी जान भी चली जाती है। इससे बचाने के लिए युवाओं ने गौ शाला में सैंड बाक्स तैयार किया है। जिसमें घायल जानवरों को बैठाया जाता है। जिससे बैड सोर जैसी घातक बीमारी से उन्हे बचाया जा सकता है।
तैयार हो रही गौशाला, होगी सारी सुविधाएं
धेनू सेवा संस्थान के सदस्यों द्वारा इन बेजुवान जानवरों के लिए अलग से गौशाला तैयार की जा रही है। जिसमें अलग-अलग जानवरों को रखने के साथ ही अन्य सुविधाएं होगी। जिससे कि उन्हे किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। संस्थान के युवा अमन द्विवेदी ने बताया कि जानवरों की खाद्य सामग्री रखन के लिए अलग से कमरा तैयार कराया जा रहा है। साथ ही गौशाला के समीप ही गौचर भूमि भी छोड़ी गई है।

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