इन्हीं वॉट्सएप ग्रुप्स पर जिले के अंतिम छोर पर बसे गांवों तक के लोगों को जोड़ा जा रहा है। साथ ही, पुलिस द्वारा साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरुकता फैलाई जा रही है। इसके लिए शार्ट फिल्मों और अन्य क्रिएटिव माध्यमों का सहारा लिया जा रहा है। यह नहीं, ग्रुप्स पर लगातार साइबर अपराधों से बचने के टिप्स भी साझा किए जा रहे हैं। पुलिस का मानना है कि इस प्रयास से अपराध रोकने के साथ साथ अपराधियों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी। बल्कि, जागरूकता का जन-जन तक फैलाव अब जमीनी स्तर पर नजर आ रहा है।
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ऐसे बढ़ रहे अपराध
अमूमन देखा गया है कि, छोटी सी चूक और लोग साइबर फ्राड के शिकार हो जा रहे है। कानून की जानकारी न होने के कारण इस तरह के अपराध बढ़ रहे हैं। इससे निपटने के लिए शहडोल पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने इस तरीके से अपराध पर लगाम लगाने की शुरुआत की है। जिले में 15 थाने आते हैं। सभी थानों में 50 से लेकर 80 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इसमें गांव के सरपंच पार्षद से लेकर, आम जनता समेत समाजसेवियों के साथ साथ क्षेत्र के कम से कम 200 जागरूक लोगों को जोड़ा गया है। किसी भी क्षेत्र में घटना होने पर सबसे पहले आमजन द्वारा इस ग्रुप पर सूचना दे दी जाती है। इससे पुलिस भी तुरंत ही संबंधित क्षेत्र पहुंचकर समय से आवश्यक कार्रवाई कर पा रही है। इस ग्रुप के चलते आम लोगों का पुलिस पर भी भरोसा बढ़ रहा है।यह हैं उद्देश्य
बनाए गए वॉट्सग्रुपों का उद्देश्य साइबर दुर्घटनाओं के प्रति जागरूकता लाना भी है। दुर्घटनाओं से कैसे बचा जा सके, अज्ञानता के कारण नाबालिग बच्चे-बच्चियों के गुम होने व भागने के मामले पूरे प्रदेश में बढ़ रहे हैं। कानून की जानकारी न होने के कारण इस तरह के अपराध बढ़ रहे हैं। ग्रुप के जरिए ऐसी जानकारियां और कानूनी ज्ञान आमजनों तक पहुंचाया जा रहा है। यह भी पढ़ें- MP News Today Live : सीएम मोहन 362 अधिकारी-कर्मचारियों को देंगे नियुक्ति पत्र, IFS मीट का शुभारंभ आज