शाहडोल

मौत के बाद भी जिंदा बताकर पैसा वसूलता रहा ये बड़ा अस्पताल

प्रबंधक और डॉक्टर फरार, अस्पताल का पंजीयन निरस्त, अंतिम रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
 

शाहडोलOct 31, 2021 / 08:38 am

deepak deewan

शहडोल. मौत के बाद भी मरीज को जिंदा बताकर अस्पताल में रखकर इलाज के नाम पर पैसा वसूलने वाले देवांता अस्पताल का पंजीयन निरस्त किया गया है। अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा के नेतृत्व में जांच टीम ने अंतिम रिपोर्ट देने के बाद कार्रवाई की। अस्पताल प्रबंधन और आरोपियों ने कार्रवाई को गलत ठहराते हुए जांच की मांग की थी।

बाद में सीएमएचओ ने बिंदुवार तर्क देते हुए रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी। सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर ने अंतिम रिपोर्ट में ये भी कहा है कि देवांता अस्पताल के पंजीयन की भी जांच कराई जाए। पूर्व में पंजीयन के वक्त पात्रता थी या नहीं, इसकी भी जांच होगी। इधर देवांता अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टर की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

डॉ. बीके त्रिपाठी और डॉ. बृजेश पांडेय अभी भी फरार चल रहे हैं। अस्पताल को पंजीयन देते समय जिस स्टाफ की सूची संलग्न की गई थी, उसमें से ज्यादातर डॉक्टर वर्तमान में नहीं मिले हैं। अधिकारियों ने कहा है कि यदि स्टाफ बदलाव किया गया था तो जानकारी सीएमएचओ कार्यालय को देनी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोई जानकारी नहीं दी।
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दस्तावेजों की अटकी जांच: टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि अस्पताल में कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। पत्रिका ने पूर्व में ही इस मामले का खुलासा किया था। अस्पताल में एटीएम और पैरामेडिकल दस्तावेज मिले थे। इसमें छात्रवृत्ति से मामला जुड़ रहा था। बहरहाल सरकार की इस कार्रवाई के बाद निजी अस्पतालों के लालच पर कुछ लगाम लगने की उम्मीद है.

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