शाहडोल

राज्यपाल की उपस्थिति में होगा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, आकर्षण का केन्द्र होंगी काष्ठ से बनी कलाकृतियां

पं. एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय के 36 विद्यार्थियों को प्रदान किया जाएगा गोल्ड मेडल

शाहडोलDec 28, 2023 / 12:13 pm

Ramashankar mishra

राज्यपाल की उपस्थिति में होगा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, आकर्षण का केन्द्र होंगी काष्ठ से बनी कलाकृतियां

शहडोल. पं एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय की तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन शुक्रवार को राज्यपाल मंगू भाई पटेल के मुख्यातिथ्य में होगा। इस समारोह में मुख्यवक्ता विनोद कुमार भारतीय विदेश सेवा रहेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में हिमाद्री सिंह सांसद शहडोल, जयसिंह मरावी विधायक जैतपुर, मनीषा सिंह विधायक जयसिंहनगर, शरद कोल विधायक ब्यौहारी होंगे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामशंकर करेंगे तथा दीक्षांत की शपथ दिलाएंगे। दीक्षांत समारोह में काष्ठ शिल्प से बनी कलाकृतियां आकर्षण का केन्द्र होंगी। दीक्षांत समारोह को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। संपूर्ण व्यवस्था का विभिन्न समितियों के द्वारा संचालन किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10.30 बजे होगा। दीक्षांत समारोह में उपाधि के लिए 100 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है। इन्ही उपाधिधारकों में से 36 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय से पीएचडी धारकों को भी उपाधि से विभूषित किया जाएगा। दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ आशीष तिवारी कुलसचिव पं. एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय करेंगे। इस अवसर पर सभी उपाधि धारक एक ड्रेस कोड में नजर आएंगे।
गणेश प्रतिमा के साथ तैयार किया स्मृति चिन्ह
जनपद पंचायत गोहपारू के देवरी नं-2 निवासी केदारनाथ साहू ने पं. एसएन शुक्ल विवि के दीक्षांत समारोह के लिए पांच दिन में काष्ट की कलाकृतियां तैयार की है। केदार ने लकड़ी में भगवान गणेश की कलाकृति, पं. एसएन शुक्ल विवि के लोगों के साथ ही कच्छप तैयार किया है। यह कलाकृतियां दीक्षांत समारोह में आकर्षण का केन्द्र रहेंगी। इन कलाकृतियों को तैयार करने के लिए केदार को विवि प्रबंधन ने 22 दिसंबर को कहा था। इसके बाद पांच दिन में उन्होंने पांच-पांच कलाकृतियां तैयार कर ली हैं।
14 साल से काष्ठ शिल्प का कर रहे काम
केदारनाथ लगभग 14 वर्ष से काष्ठ शिल्प के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद नौकरी की बजाय उन्होंने काष्ठ शिल्प को ही चुना। इस कार्य में उनका पूरा परिवार सहयोग करता है। उनके पिता बिहारीलाल साहू को काष्ठ शिल्प में महारत हासिल में है। बचपन से उन्हीं को देखकर केदार ने भी काष्ठ शिल्प को ही चुना और अब वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। केदार का कहना है कि एक कलाकृति तैयार करने में लगभग एक दिन का समय लग जाता है। इसके लिए वह लकडिय़ां व अन्य सामग्री बाजार से क्रय करते हैं। इसके बाद परिवार के सदस्यों के सहयोग से वह यह कलाकृतियां तैयार करते हैं।

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