शाहडोल

इसलिए इतनी बड़ी आबादी की अनदेखी करते हैं रेलवे और रेल मंत्री

नागपुर-मुंबई के लिए ट्रेन चलाने की मांग नहीं हुई पूरी, स्टेशनों पर भी नागरिक सुविधाओं का अभाव लेकिन रेलवे नहीं देता कोई भाव

शाहडोलSep 28, 2018 / 02:13 pm

shivmangal singh

इसलिए इतनी बड़ी आबादी की अनदेखी करते हैं रेलवे और रेल मंत्री

शहडोल. लगभग 25 लाख की आबादी को रेलवे और रेल मिनिस्टर कोई भाव नहीं देते। यहां की जनता लंबे समय से मुंबई और नागपुर के लिए ट्रेनों की मांग कर रही है लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। ट्रेन चलाने की दूर की बात है, सामान्य नागरिक सुविधाओं के विकास तक के लिए यहां की हिस्सेदारी नहीं दी जाती। रेलवे के लिए लहाज से सबसे जरूरतमंद इलाका ही पिछड़ा हुआ है। हालांकि इसमें रेलवे और रेल मंत्रालय भी पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं हैं। हमारे इलाके के जनप्रतिनिधि और खासकर सांसद इसके लिए जिम्मेदार हैं। सांसद यहां की जरूरतों, सहूलियतों को लेकर आवाज बुलंद नहीं कर पाते। इस वजह से रेलवे भी यहां की हिस्सेदारी दूसरों को ही आवंटित कर देते हैं, यहां की जरूरतों पर तवज्जो देने की जहमत नहीं उठाते। हाल ही में एक मीटिंग हुई थी उसमें रेलवे ने सांसदों को बुलाया था लेकिन शहडोल के सांसद उसमें पहुंचे ही नहीं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की जोनल स्तरीय बैठक में शहडोल संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्ञान सिंह शामिल नहीं हुए। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्रीय सांसद को आम जनता की जरूरत और समस्याओं को रेल प्रशासन के सामने रखने तक की फुर्सत नहीं है। जिसका उदाहरण मंडल स्तरीय सांसदों की बैठक में देखने को मिला।
इस महत्वपूर्ण बैठक में शहडोल संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्ञान सिंह सहित जोन अंतर्गत 12 सांसदों व राज्यसभा सदस्यों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें केवल बिलासपुर व कोरबा के सांसद ही शामिल हुए। बैठक में क्षेत्रीय सांसद की अनुपस्थिति के कारण क्षेत्र की जनता की आवाज रेलवे तक नहीं पहुंच सकी है।
हालांकि सांसद ज्ञान सिंह ने गत 19 सितम्बर को दपूमरे बिलासपुर के महाप्रबंधक को जोनल रेलवे सलाहकार समिति की बैठक का एजेण्डा भेज दिया था, लेकिन एजेण्डा भेजना और बैठक में उपस्थित होना, दो अलग-अलग बातें है और बैठक में सांसद की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि वह क्षेत्र की रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए कितना चिंतित रहते है?
12 में से सिर्फ दो सांसद ही पहुंचे
क्षेत्र की रेल से जुड़ी आवश्यकताओं को जानने के लिए समय-समय पर बैठक करने का आदेश रेलवे बोर्ड ने दिया है। बुधवार को 11.30 बजे जोनल कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक रखी गई थी। रेल प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के अलावा रेल मंडल अंतर्गत मध्यप्रदेश व ओडिशा राज्य के सांसदों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन बैठक में कोरबा सांसद डॉ. बंशीला महतो और बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू ही उपस्थित हुए।
दूसरे सांसदों को है इस क्षेत्र की चिंता
बैठक में उपस्थित बिलासपुर के सांसद लखनलाल साहू ने अंबिकापुर-दुर्ग एवं गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस का विस्तार नागपुर स्टेशन तक किए जाने और संपर्क क्रांति एवं हीराकुंड एक्सप्रेस का परिचालन प्रतिदिन किए जाने की मांग की। बैठक में सांसदों द्वारा भेजे गए एजेंडों और सुझाव पर विस्तार से चर्चा हुई। सांसद व प्रतिनिधियों ने रोड ओवर ब्रिज, ट्रेनों के ठहराव, टिकट आरक्षण केंद्र के अलावा कुछ ट्रेनों को प्रतिदिन चलाने की मांग रखी। कोच इंडिकेशन बोर्ड की आवश्यकता को भी बताया गया।
एजेंडे से गायब है रैम्प की मांग
महाप्रबंधक को भेजे गए ऐजेंडे में शहडोल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर दो-तीन तक जाने में दिव्यांगों व मरीजों को हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिए प्रमुख रैम्प निर्माण की मांग गायब है। बरौनी-गोंदिया या अंबिकापुर-दुर्ग ट्रेन को इतवारी तक विस्तारित किए जाने और वाराणसी से नागपुर वाया शहडोल होकर नई ट्रेन और वाराणसी से नागपुर वाया शहडोल होकर एक्सप्रेस टे्रन नियमित चलाने की मांग प्रमुख है।
बुधवार को भोपाल में आगामी विधानसभा चुनाव संबंधी भाजपा की आवश्यक बैठक की वजह से सांसद ज्ञान ङ्क्षसह उस बैठक में शामिल नहीं हो सके। हालांकि बैठक का ऐजेण्डा महाप्रबंधक को भेज दिया गया था।
कैलाश तिवारी, सांसद प्रतिनिधि शहडोल।

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