शाहडोल

साउथ अफ्रीका और मध्यप्रदेश की ये यूनिवर्सिटी करेगी ब्रम्हांड के रहस्य की खोज

एक माह की साइन्टिफिक रिसर्च कोलेवोरेसन यात्रा से लौटे प्रोफेसर

शाहडोलJun 19, 2018 / 01:53 pm

Akhilesh Shukla

साउथ अफ्रीका और मध्यप्रदेश की ये यूनिवर्सिटी करेगी ब्रम्हांड के रहस्य की खोज

@शुभम बघेल

शहडोल- मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में स्थित पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी साउथ अफ्रीका के साथ मिलकर ब्रम्हाण्ड की उत्पत्ति के रहस्य और 20वीं शताब्दी में वैज्ञानिक बदलावों पर खोज करेगी। दरअसल शहडोल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और साउथ अफ्रीका यूनिवर्सिटी के बड़े वैज्ञानिक आपस में मिलकर कॉस्मोलाजी (ब्रहमाण्ड विद्या) पर अध्ययन करेंगे।

 

पंडित शंभूनाथ यूनिवर्सिटी और साउथ अफ्रीका यूनिवर्सिटी के वीसी की अनुशंसा के बाद इस पर रिसर्च भी शुरू कर दिया गया है। शहडोल यूनिवर्सिटी के गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ऋषि कुमार तिवारी एक माह की साउथ अफ्रीका में साइन्टिफिक रिसर्च कोलेवोरेसन यात्रा से वापस लौटे हैं। दोनों यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयास से कॉस्मोलाजी पर रिसर्च किया जा रहा है।

यूनिवर्सिटी प्रबंधन के अनुसार देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों को यह मौका मिलता है। डॉ. ऋषि तिवारी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च में दबदबा बनाते हुए आदिवासी अंचल की यूनिवर्सिटी को एक अलग पहचान दिलाई है। वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ ऋषि कुमार तिवारी साउथ अफ्रीका की क्वाजुलू नटाल विश्वविद्यालय डरबन, जुलूलैण्ड विश्वविद्यालय, केपटाउन विश्वविद्यालय में शोध कार्य एस्ट्रोनामी, एस्ट्रोफिजिक्स पर व्याख्यान भी दिया है।


ब्रम्हांड की उत्पति, बदलाव और बिग बैंग पर रिसर्च

एक माह की साइन्टिफिक रिसर्च कोलेवोरेसन यात्रा साउथ अफ्रीका से लौटे प्रोफेसर डॉ ऋषि कुमार तिवारी के अनुसार गणित और फिजिक्स के माध्यम से ब्रम्हांण्ड उत्पति, बदलाव और बिग बैंग पर रिसर्च किया जा रहा है। ब्रम्हांण्ड के डार्क एनर्जी और डार्क मेटर पर अध्ययन किया जा रहा है। गणित से थ्योरेटिकल नतीजे निकाले जा रहे हैं। इसके बाद फिजिक्स से अध्ययन किया जाता है। इसमें साउथ अफ्रीका के ए बीसम के साथ मिलकर रिसर्च कर रहे हैं। एबीसम प्रोफेसर जीएफआर इलीस के स्टूडेंट हैं। प्रोफेसर जीएफआर ऐलीस और वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग समकालीन थे।

 

प्रदेश में एक मात्र यूनिवर्सिटी करेगी शोध

यूनिवर्सिटी प्रबंधन की मानें तो कॉस्मोलाजी में साउथ अफ्रीका में रिसर्च करने वाली पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी यह पहली यूनिवर्सिटी है। कॉस्मोलाजी में दोनों यूनिवर्सिटी के रिसर्च के बाद अन्य छात्र – छात्राएं भी साउथ अफ्रीका की यूनिवर्सिटी से जुड़ सकेंगे। शोध के बाद साउथ अफ्रीका से यह यूनिवर्सिटी शहडोल यूनिवर्सिटी से कनेक्ट रहेगी। यहां के छात्र- छात्राएं गणित सहित एस्ट्रोनामी, एस्ट्रोफिजिक्स, कॉस्मोलाजी विषयों पर शोध के लिए साउथ अफ्रीका यूनिवर्सिटीज से मदद ले सकेंगे। इससे शिक्षा का स्तर भी आगे बढ़ेगा।

 

शहडोल यूनिवर्सिटी के लिए गर्व की बात

पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी शहडोल के कुलपति डॉक्टर मुकेश तिवारी के मुताबिक गणित विभाग के विभागाध्यक्ष और साउथ अफ्रीका की यूनिवर्सिटी आपस में मिलकर कॉस्मोलाजी में अध्ययन कर रहे हैं। ब्रहमाण्ड उत्पति, बदलाव और बिग बैंग पर गणित और फिजिक्स से रिसर्च किया जा रहा है।

 

शहडोल यूनिवर्सिटी के लिए यह गौरव की बात है कि डॉ ऋषि तिवारी जैसे वैज्ञानिक हैं। इस रिसर्च ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूनिवर्सिटी का नाम गौरवन्वित किया है। रिसर्च करने वाले छात्र छात्राओं को भी काफी मदद मिलेगी। यूनिवर्सिटी इनके इस रिसर्च को सफल बनाने में हरसंभव मदद कर रही है।

South Africa and this University of MP, explore mystery of Brahmand

विश्व के शीर्ष दो हजार वैज्ञानिकों में शामिल हैं डॉ ऋषि

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में कई शोध प्रकाशित कर चुके डॉ ऋषि कुमार तिवारी विश्व के 2 हजार बड़े वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हैं। आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के द्वारा 21वीं सदी में विश्व के 2000 वैज्ञानिक नाम से सर्वे में सम्मान दिया गया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित शोध इस सम्मान और शीर्ष 2000 वैज्ञानिकों की सूची में शामिल करने का मुख्य आधार था। डॉ तिवारी रीवा मॉडल साइंस कॉलेज में पदस्थ थे और हाल में शहडोल यूनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति पर हैं।

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