दोपहर के करीब 12 बजे पहली बार बाघ दिखा और कुछ दूर पर जाकर बैठ गया
बाघ की सूचना पर आसपास के गांवों के लोग भी जुटने लगे। बाघ की आखिरी लोकेशन हरियरी गांव में बताई गई। जहां पर बड़ी संख्या में ग्रामीण सुबह से ही मौजूद थे। वन विभाग की टीम ने बाघ की घेराबंदी कर खतरे वाले क्षेत्र में आम लोगों को जाने से रोक दिया। दोपहर के करीब 12 बजे पहली बार बाघ दिखा और कुछ दूर पर जाकर बैठ गया। ऐसे स्थान पर बैठा थाए जहां पर न तो कोई जा सकता था और न ही उसे पकडऩे का प्रयास किया जा सकता था। इसलिए उसके निकलने का इंतजार किया जाता रहा। दोपहर के दो बजे फिर वहां से निकलकर आगे की ओर बढ़ाए इस बीच वन विभाग की टीम ने घेराबंदी शुरू की। शाम करीब पांच बजे वह निकला और सरिया बीट के जंगल की ओर भाग गया। इस बीच उसे पकड़ पाना मुश्किल था। विभाग के कुछ अधिकारी ट्रेंकुलाइज कर पकडऩा चाह रहे थे लेकिन ऐसी व्यवस्था नहीं बना पाए।
संजय टाइगर रिजर्व से आने की संभावना
सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या अधिक है। इसलिए माना जा रहा है कि वहां से निकलकर यह आया होगा। क्योंकि इसके पहले टाइगर रिजर्व से बाघ निकलकर आते रहे हैं। सिरमौर के टीएचसी क्षेत्र में कुछ समय पहले बाघ देखा गया था, इसलिए वहां से भी आने की संभावना जताई जा रही है। मामले की जानकारी लगते ही सतना सीसीएफ राजीव मिश्रा, मुकुंदपुर के डायरेक्टर संजय रायखेड़े, नरवद सिंह रेजर मुकंदपुर, वीरेन्द्र पाण्डेय डिप्टीरेजर, मणिराज सिंह तिवारी सहित वन विभाग का अमला मौके पर निगरानी कर रहा है। सीसीएफ राजीव मिश्रा ने बताया कि गामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।