जानकारी के अनुसार, मृतक आरक्षक घनश्याम चढ़ार, सागर जिले का रहने वाला है। उसकी उम्र करीब 30 वर्ष की थी। पिछले 2 वर्षों से वो जैतपुर थाने में पदस्थ था। आरक्षक थाने में ऑफिस के काम काज देखा करता था। आरक्षक की मौत का खुलासा उस समय हुआ, जब गुरुवार की सुबह उसके घर का खाना बनाने वाला व्यक्ति आरक्षक घनश्याम के घर पहुंचा। यहां उसने देखा कि, आरक्षक के घर क दरवाजा खुला हुआ था। जैसे ही खाना बनाने वाले ने घर में प्रवेश किया तो उसने देखा कि, सामने आरक्षक का शव फांसी के फंदे में लटका हुआ था।
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बावर्ची ने दी पुलिस को सूचना
बावर्ची ने फौरन ही इस घटना की सूचना थाने पहुंचकर थाना प्रभारी सुदीप सोनी को दी। थाना प्रभारी ने सूचना मिलते ही अपने दल बल के साथ तहसील कार्यालय के पीछे घनश्याम के घर पहुंचे, जहां आरक्षक फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है।
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सुसाइड नोट में लिखी खुदकुशी की वजह
जानकारी के अनुसार, आरक्षक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें आरक्षक ने लिखा है कि ‘मैं ना तो अच्छा पति और ना अच्छा पिता बन पाया और बच्चे के लिए उसने सॉरी का शब्द उपयोग किया है। मौके पर एडीजे शहडोल, पुलिस अधीक्षक शहडोल, एसडीओपी भरत दुबे, थाना प्रभारी सुधीर सोनी, मौके पर मौजूद हैं। वहीं, देर शाम तक मृतक के परिजन पहुंचने की जानकारी है। पुलिस का कहना है कि, इसके बाद ही आगे का कार्यवाही की जाएगी।