हिडन क्राइम है साइबर ठगी, हर दिन निजात कर रहे तरीके, जागरुकता ही बचाव
नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों के साथ स्व सहायता समूह की महिलाएं रही उपस्थित
शहडोल. फ्राड से बचने का एक मात्र उपाय सावधानी और जागरुकता है। साइबर ठगी एक हिडन क्राइम है जो कि अप्रत्यक्ष रूप से घटित होता है। हमें यह पता नहीं चल पाता है कि फ्राड करने वाला एक व्यक्ति है, समूह है, अपने आस-पास का या करीबी है या फिर दूर का। वर्तमान में देखने में आ रहा है कि प्रतिदिन इंटरनेट या फिर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हम पूरी तरह से निर्भर होते जा रहे हैं। ऑनलाइन खरीदी का चलन बढ़ा है। ऐसे में हमारी सुविधा ही असुविधा न बन जाए इसका विशेष ध्यान रखना है। यह जानकारी पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत नगर पालिका में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में साइबर सेल विभाग के विशेषज्ञ प्रकाश द्विवेदी ने दी। इस अवसर पर उन्होने नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों के साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाओं को अलग-अलग फ्राडों व उससे बचाव के उपाय बताए।
नपा अधिकारियों ने रखी अपनी बात
इस दौरान नगर पालिका के उपयंत्री सुखेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि स्कैमर हमसे ’यादा हायर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे बचाव के लिए सजग रहना आवश्यक है। आप जिस खाते से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं उसमें आवश्यकता के अनुसार ही पैसे रखें। इसके अलावा एक अलग से खाता खुलवाएं जिसे मैनुअल संचालित करें। वहीं एकाउटेंट संधी पाण्डेय ने ब”ाों को आने वाले कॉल के संबंध में जानकारी साझा करते हुए सचेत रहने व ब”ाों को इसकी जानकारी देने की बात कही।
यह रहे उपस्थित
कार्यक्रम में साइबर सेल से प्रकाश द्विवेदी, नगर पालिका के उपयंत्री सुखेन्द्र सिंह तोमर, संध्या पाण्डेय, उपयंत्री पुनीत त्रिपाठी, शरद गौतम, सत्यकाम मिश्रा, सौरव निगम सहित नगर पालिका के अन्य अधिकारी कर्मचारियों के साथ स्व-सहायमा समूह की महिलाएं उपस्थित रही।
डिजिटल अरेस्ट : वर्तमान में सबसे ’यादा डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट में पुलिस सामने उपस्थित नहीं है, मोबाइल या लैपटॉप में रहती है। इसमें पहला टारगेट ऐसे पैरेंट्स को किया जाता है जिनके ब”ो बाहर रहते हैं। ब”ाों के किसी न किसी मामले में पकड़े जाने की जानकारी देकर दबाव बनाया जाता है और पैसों की मांग की जाती है। परिजन घबरा जाते हैं और उनकी डिमांड पूरी करने लगते हैं।
उपाय : पुलिस किसी प्रकरण में पकड़ती है तो छोंडऩे के लिए पैसों की डिमांड नहीं करती है। ऐसा कोई कॉल आता है तो घबराएं नहीं। सबसे पहले ब”ो से या फिर वह जिसके साथ रहा रहा है उससे बात करने का प्रयास करें।
ऑनलाइन शापिंग : ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बड़ी तेजी से चला है। इसे लेकर अक्सर कॉल आता है कि आपने यह सामान मंगाया था यह अवैध है, इसकी रसीद नहीं है। केस दर्ज होगा, गिरफ्तारी होगी तरह तरह की धमकी देकर दबाव बनाया जाता है।
उपाय : ऐसे मामलो में सजग रहें, आप कोई भी पार्सल मंगाते हैं तो वह जहां से पैक होता है उसके बाद कहीं नहीं खुलता है। इसलिए कोई भी ऐसी धमकी देता है तो उसके दबाव में बिल्कुल न आएं।
यह भी हो रहा
Hindi News / Shahdol / पत्रिका रक्षा कवच अभियान : साइबर सेल एक्सपर्ट ने किया जागरुक