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कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद शुरु हुआ जिला अस्पताल में उपचार
दरअसल, पहले तीन बार अलग-अलग स्थानों से रेफर होकर उमरिया जिले के पिनौरा गांव की अंजनी यादव नामक प्रसुता जिला चिकित्सालय पहुंची थी, पहले तो चिकित्सकों और स्थानीय स्टाफ ने उसका इलाज करने से ही मना कर दिया। प्रसूता के परिजन ने जब दूरभाष के जरिये मामले की शिकायत शहडोल कलेक्टर डॉ.सत्येंद्र सिंह से की, जिनके हस्तक्षेप के बाद जिला चिकित्सालय में उसका इलाज शुरू हुआ।
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कर्ज लेकर निजी अस्पताल में उपचार कराने को मजबूर प्रसूता
अपनी शिकायत से खफा हुईं महिला चिकित्सक मेडिकल कॉलेज से यहां आई हुई थीं, वो प्रसूता द्वारा की गई शिकायत से इतनी नाराज थीं कि, ड्रिप लगी होने के बावजूद दर्द से कराह रही प्रसुता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। मजबूरन प्रसूता के परिवार जन ने अपने परिचितों से रुपयों की मदद मांगी, इसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, यहां अब महिला का उपचार किया जा रहा है।