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शाहडोल

हाइवे पर बैठे मवेशियों पर किसी का ध्यान नहीं, शहर तक सीमित नगरपालिका की हाका टीम

नपा के पास खुद का नहीं गौशाला, विचारपुर भेज रहे मवेशियों को

शाहडोलSep 05, 2024 / 12:14 pm

Kamlesh Rajak

नपा के पास खुद का नहीं गौशाला, विचारपुर भेज रहे मवेशियों को
शहडोल. नगरपालिका की हाका टीम बीते 15 दिन से आवारा मवेशियों को पकडऩे अभियान चला रही है, लेकिन यह अभियान सिर्फ मार्केट एरिया तक ही सीमित है। जबकि हाइवे में बड़ी संख्या में मवेशियों का जमावड़ा रहता है, जो हर रोज सडक़ हादसे का शिकार हो रहे हैं। नगरपालिका बीते तीन वर्षों से मवेशियों का सर्वे नहीं कराई है, जिससे यह चिन्हित कर पाना मुश्किल हो रहा है कि शहर में कितने पशुपालक हंै और कितने मवेशी निराश्रित हैं। हर रोज शाम को हाका टीम शहर के प्रमुख स्थानों से मवेशियों को पकडकऱ विचारपुर गौशाला में दाखिल करा रही है।
अब तक 115 मवेशियों को पहुंचाया गौशाला
नगर पालिका ने अभियान चलाकर निराश्रित मवेशियों को गौशाला पहुंचाने का कार्य 12 अगस्त से शुरू किया है। नपा की 7 सदस्यीय टीम शाम 4 से 8 बजे तक मवेशियों की धरपकड़ करती है। अब तक 115 मवेशियों को विचारपुर गौशाला पहुंचाया गया है। 15 दिन से अधिक समय बीच जाने के बाद भी यहां से सिर्फ 12 पशुपालकों ने ही अपने मवेशियों को छुड़ाया है, जिनसे करीब 6 हजार की वसूली की गई है। बाकि के आज भी गौशाला में बंद हैं। जिनके पालक का पता नहीं है।
हाइवे में मवेशियों का जमघट
नगरपालिका शहरी क्षेत्र में कार्रवाई कर रही है। जबकि हाइवे में शाम से ही मवेशियों का जमघट लग जाता है। भूंसा तिरहा से छतवई तक, लल्लू ङ्क्षसह तिराहा से बुढ़ार मार्ग, आकाशवाणी से उमरिया हाइवे में बड़ी संख्या में गौवंश व भैंस बीच सडक़ में एकत्रित हो जाते हैं। इससे वाहनों के आवगमन में परेशानी तो होती है, तेज रफ्तार बड़े वाहनों की चपेट आने से मवेशियों की मौत भी हो रही है। शहडोल-बुढ़ार हाइवे में अक्सर मृत मवेशी सडक़ पर पड़े दिखाई देते हैं। हाइवे से मवेशियों को सुरक्षित करने का जिम्मा पशुपालन विभाग का है, लेकिन लापरवाही के कारण हर रोज मवेशियों की मौत हो रही है।
नपा के पास गौशाला नहीं
निरश्रित मवेशियों को पकडकऱ उन्हें रखने के लिए नगपालिका के पास खुद गौशाला नहीं हैं। जिसके कारण विचारपुर गौशाला में दाखिल कराने की मजबूरी है। जिसके कारण अधिकांश पशुपालकों को यह नहीं पता लग पाता कि उनके मवेशियों को कहां रखा गया है। जिससे पशुपालक भी अपने मवेशियों को छुड़ाने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र के हाइवे में बैठे मवेशियों को पकडकऱ निकटतम गौशाला में दाखिल कराए, क्षमता से अधिक मवेशी होने पर तार की फेसिंग कराकर व्यवस्था बनाए। जरूरत पडऩे पर पशुपालन विभाग से कर्मचारी दिए जाते हंै।
आरके त्रिपाठी, उपसंचालक पशुपालन विभाग, शहडोल
अभियान चलाकर बीते 15 दिनों से मवेशियों को शहरी क्षेत्र से पकडकऱ विचारपुर गौशाला भेजा रहा है। इसके लिए हर रोज शाम को कार्रवाई की जा रही है। मवेशियों को व्यवस्थित करने अनाउंसमेंट कराया जा रहा है। बंद मवेशियों को छुड़ाने के लिए पशुपालक ध्यान नहीं दे रहे हैं।
मोतीलाल सिंह, स्वच्छता निरीक्षक नगरपालिका, शहडोल

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