शाहडोल

लोकसभा में निर्दलीय लडऩे वालों को मिल सकता है हेलीकाप्टर, रोबोट और लैपटॉप

निर्दलीय प्रत्याशी को चुनाव आयोग के 30 चुनाव चिन्हों में कोई एक चिन्ह होंगे आवंटित

शाहडोलApr 06, 2019 / 08:47 pm

brijesh sirmour

Independent fighters can get helicopter, robot and laptop in Lok Sabha

शहडोल. इस बार लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों को हेलिकॉप्टर व रोबोट और लैपटॉप भी मिल सकता है। उन्हे चाय की केतली भी मिल सकती है और बजाने को सितार और पैसा रखने के लिए लेडीज पर्स भी दिया जा सकता है। यही नहीं, उन्हे अनाज साफ करने के लिए सूपड़ा भी मिल सकता है तो वह खाने को पौष्टिक सेवफल और कटहल भी ले सकते है। यह कोई कल्पना नहीं अपितु चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए चुनाव चिन्ह है। जिनका आवंटन लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशियों को किया जा सकता है। इस बार लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को अपनी पसंद का चुनाव चिन्ह चुनने के लिए 30 नए और सिंबाल विकल्प के रूप में दिए जाएगें। जिसमें सेव, गन्ना किसान, हेलीकॉप्टर, तूरही बजाता आदमी, ब्रेड टोस्टर, सीसीटीवी कैमरा, कम्प्यूटर, कम्पूयटर माउस, डोर हैंडल, झुमका, फुटबॉल, अदरक, लेडी पर्स, हाथ ठेला, रेत घड़ी, कटहल, केतली, फुटबॉल प्लेयर, किचन सिंक, लैपटॉप, लूडो, पैन ड्राइव, टीवी रिमोट, रोबोट, रबर स्टॉम्प, जहाज, सितार, शटर, सोफा और पाना जैसे चुनाव चिन्हों को इस बार फ्री सिंबल की सूची में शामिल किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग ने नए चिन्ह के तौर पर चाबी को लांच किया था, लेकिन इस बार नए चुनाव चिन्हों की तादाद बढकऱ 30 हो गई है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय पंजीकृत मान्यता प्राप्त पार्टियों और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत पार्टियों को पहले से दिए गए चुनाव चिन्हों के अलावा इस बार कुल 193 तरह के चुनाव चिन्ह हैं। नए चुनाव चिन्ह बनने वाले सिंबल में सेव, अदरक और रोबोट जैसे निशानों का इस्तेमाल भी पहली बार लोकसभा चुनाव में होगा। इस प्रकार यदि सांसद का चुनाव लडऩे के लिए राजनीतिक दल किसी प्रत्याशी को टिकट नहीं देगा तो भारत निर्वाचन आयोग ने निर्दलीय चुनाव लडऩे वालों के लिए चुनाव चिन्ह जारी किए हैं। इनमें पहले नंबर पर है एपल यानी सेवफल, दूसरे नंबर पर ब्रेड टोस्टर और तीसरे पर सीसीटीवी कैमरा है। इसके बाद कम्प्यूटर, कम्प्यूटर माउस, दरवाजे का हैंडल, कानों में पहनने के लिए बालियां, फुटबॉल, फुटबॉल खिलाड़ी, गन्ना किसान और अदरक हैं। आगे चलें तो हाथ गाड़ी और इसके बाद हवा में उडऩे के लिए हेलिकॉप्टर। कांच की बर्नी, कटहल और केतली भी है। केतली और लेडीज पर्स चुनाव चिन्ह केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा अरुणांचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के लिए ही मान्य हैं। पाना केवल बिहार और झारखंड राज्यों के लिए है और चिमटा केवल बिहार और झारखंड राज्यों में ही मान्य है। अंत में प्रत्याशी के हाथ लग सकता है अनाज साफ करने का वह सूपड़ा, जिसका मुहावरों में भी हम खूब प्रयोग करते हैं सूपड़ा साफ।

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