शाहडोल

घोषणा के बाद भी नहीं बढ़ा मानदेय तो बाल विकास विभाग ने 15 से कर दिया सामूहिक अवकाश

आंगनबाड़ी में नवनिहालों को नहीं मिल रहा पोषण आहार

शाहडोलMar 23, 2023 / 11:59 am

shubham singh

घोषणा के बाद भी नहीं बढ़ा मानदेय तो बाल विकास विभाग ने 15 से कर दिया सामूहिक अवकाश

शहडोल. महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत परियोजना अधिकारियों पर्यवेक्षकों से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं सभी श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे है। आंदोलनकारियों की मांगों की सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। सरकार के इस रवैये के विरोध में कर्मचारी एवं अधिकारियों के संगठनों ने 15 मार्च से सामूहिक अवकाश पर हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मध्य प्रदेश द्वारा इनकी मांगों का समर्थन किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मप्र आंगनबाड़ी कर्मियों की लम्बित मांगों के निराकरण सहित आंदोलन में शामिल सभी श्रेणी के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की मांगों को लेकर हो रहे सामूहिक आंदोलन में शामिल है। ब्योहारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मप्र की सभी इकाईयों की आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं 15 मार्च से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रह कर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं।
ये हैं प्रमुख मांगें
सेवा निवृत्ति पर महंगाई को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ता व मिनी कार्यकर्ता को 5 लाख रुपये एवं सहायिका को 3 लाख रुपये सेवा निवृत्ति लाभ देने की बात कही गई। साथ ही 8 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित पोषण उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा आंगनबाडी कर्मियों का मानदेय दोगुना करने की घोषणा के साथ सेवा निवृत्ति पर कार्यकर्ता को 1 लाख रुपये एवं सहायिका को 75 हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी। वहीं कार्यकर्ता के मानदेय से पंद्रह सौ रुपए एवं सहायिका के मानदेय से 750 रुपये एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय से काटी गई 1250 रुपये की राशि का एरियर सहित भुगतान कराने, पर्यवेक्षकों के रिक्त पदों पर 100 प्रतिशत भर्ती कार्यकर्ताओं से की जाए। कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत योग्य सहायिकाओं से एवं 50 प्रतिशत पदों को मिनी कार्यकर्ताओं की भर्ती करने मांग की गई। सेवा निवृत्त सभी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी के रूप में नियमित कर न्यूनतम वेतन दिए जाने, न्यूनतम वेतन 26 हजार करने, आंगनबाड़ी कर्मियों व उनके परिवार के नि:शुल्क इलाज का भी प्रावधान जैसी मांग शामिल है।

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