शाहडोल

आज से 52 दिन तक रहें सावधान, जानिए कैसे मचने वाली है उथल-पुथल

7 मार्च से 2 मई तक का समय है बड़ा विकट…

शाहडोलMar 07, 2018 / 02:03 pm

shivmangal singh

मंडला – आगामी 7 मार्च से लेकर 52 दिन तक आम जन के लिए ज्योतिष की दृष्टि से काफी उथल-पुथल होने वाले है। आजाद वार्ड निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शास्त्री के अनुसार, शनि इन दिनों धनु राशि में है व 7 मार्च से देवताओं के सेनापति भी इस राशि में आ रहे है। ऐसे में जमकर उथल-पुथल होने वाली है।

ये वो समय है जब हर व्यक्ति अपने ईष्ट का ध्यान करें व सेहतमंद रहे। मवई के पंडित विजेन्द्र पाठक ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में शनि-मंगल की युति को द्वंद्व योग कहा गया है। इस साल शनि और मंगल की युति 7 मार्च से 2 मई तक हो रही है। इसलिए ये 57 दिन न केवल प्रत्येक राशि के जातकों के लिए परेशानी भरे हो सकते हैं। शनि पहले से ही धनु राशि में चल रहे हैं। 7 मार्च 2018 को शाम 6.30 बजे मंगल के भी धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही शनि.मंगल की युति बन जाएगी। मंगल इस राशि में 2 मई को शाम 4.18 बजे तक रहेगा। शनि-मंगल की युति कराती है कुछ ऐसा शनि-मंगल की युति होने पर जीवन में अनेक घटनाएं आकस्मिक होती हैं, जिसके बारे में व्यक्ति को अंदेशा भी नहीं होता है। वैवाहिक जीवन, नौकरी, व्यवसाय, संतान, पारिवारिक सुख इनसे संबंधित शुभ-अशुभ घटनाएं जीवन में अचानक घटती हैं। अचानक विवाह जुडऩा, अचानक प्रमोशन, बिना कारण घर बदलना, नौकरी छूटना, कार्यस्थल या शहर-देश से पलायन आदि शनि-मंगल युति के आकस्मिक परिणाम होते हैं। चूंकि मंगल और शनि दोनों ही पापी ग्रह हैं इसलिए ये प्रत्येक जातक को प्रभावित करेंगे।

मेष राशि
इस राशि और लग्न वालों के लिए शनि-मंगल की युति नवम या धर्म स्थान में होगी। इस युति का असर मेष राशि वालों के स्वास्थ्य पर होगा। जिसके कारण स्वभाव में गुस्सा रहेगा। गुस्से पर नियंत्रण नहीं रखेंगे तो नुकसान होगा। नवम भाव दूरस्थ यात्राओं का भी भाव है। इसलिए बेवजह की यात्राओं में धन और समय नष्ट होगा। अचानक कोई बुरी खबर मिलने पर कहीं जाना पड़ सकता है। धार्मिक, आध्यात्मिक उन्नति रूक जाएगी और आप बुरी संगत में भी पड़ सकते हैं।

वृषभ राशि
वृषभ राशि और लग्न वालों के लिए शनि-मंगल युति की युति अष्टम भाव में हो रही है। इस राशि के जातक अचानक किसी बड़े रोग के शिकार हो सकते हैं। वाहन चलाते समय अत्यंत सावधानी रखना होगी वरना दुर्घटना का अंदेशा रहेगा। मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग सावधानीपूर्वक करें, करंट लग सकता है। शनि-मंगल युति का असर आपकी निजी जिंदगी पर भी होगा।

मिथुन राशि
इस राशि वालों के लिए सप्तम स्थान में शनि-मंगल युति हो रही है। पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में कटुता बढ़ सकती है लेकिन यहां यह बात अच्छी है कि यदि आप जीवनसाथी को प्रेम और सम्मान देंगे तो प्रेम में भी वृद्धि होगी क्योंकि मंगल आपकी आतंरिक ऊर्जा में वृद्धि करेगा। कारोबारियों और नौकरीपेशा लोगों को अचानक प्रमोशन मिलने के चांस हैं।

कर्क राशि
इस राशि और लग्न वालों के लिए छठे भाव में शनि-मंगल एक साथ आएंगे। यह रोग और शत्रु का स्थान है इसलिए सावधान, सतर्क रहें आपके गुप्त शत्रु हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे। यदि आप बिजनेस करते हैं तो आर्थिक हानि के साथ आपकी प्रतिष्ठा को भी कुछ लोग नुकसान पहुंचा सकते हैं। कोई नया कार्य प्रारंभ करना चाहते हैं तो योजनाएं सार्वजनिक न करें।

सिंह राशि
इस राशि के लिए पंचम स्थान में शनि-मंगल साथ आएंगे। यह स्थान संतानए शिक्षा और प्रेम का स्थान है। यदि इस राशि वाले लोग किसी के प्रेम में है तो सावधान रहें आप किसी धोखे का शिकार हो सकते हैं। आपको धन का नुकसान होगा। आर्थिक मामलों, संपत्ति की खरीदी-बिक्री में दस्तावेजों को पूर्ण एकाग्रता से पड़कर ही कोई निर्णय लें। कोर्टए कचहरी, पुलिस के मामलों में फंस सकते हैं। प्रेम संबंध टूट सकते हैं। संतान पक्ष से अलगाव होने की संभावना है।

कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए चतुर्थ स्थान यानी सुख स्थान में शनि-मंगल के साथ बैठकर सुखी जीवन को बिगाड़ सकते हैं। पारिवारिक जीवन में कष्ट बढ़ेंगे। जीवनसाथी, संतान, भाई-बहनों, माता-पिता से विवाद होगा। सुखों में कमी आएगी। आर्थिक तंगी का सामना करना पडेग़ा। धन की कमी से काम अटक सकते हैं। 2 मई तक आपको प्रत्येक निर्णय खासकर आर्थिक फैसले बहुत सोच-समझकर ही लेना होंगे। किसी को उधार न दें। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।

तुला राशि
इस राशि और लग्न के लिए तीसरे भाव में शनि-मंगल युति हो रही है। इनके लिए मिलाजुला असर रहेगा। कई छोटी-मोटी परेशानियों से घिरे रहेंगे। कभी अचानक कहीं से अच्छा पैसा आ जाएगा। तो कभी अचानक ज्यादा पैसा चला भी जाएगा। बीमारियों पर खर्च होने की आशंका ज्यादा है। परिवार के किसी सदस्य, भाई-बहन को अचानक स्वास्थ्य संबंधी बड़ी परेशानी आ सकती है। संयम से काम लेना होगा। आपके लिए अच्छी बात यह है कि पैसों की व्यवस्था खुद-ब-खुद हो जाएगी, आपको भटकना नहीं पडेग़ा।

वृश्चिक राशि
चूंकि यह मंगल की ही राशि है और धन स्थान यानी दूसरे भाव में शनि-मंगल की युति हो रही है इसलिए मंगल तो इनके लिए शुभ रहेंगे लेकिन शनि दोगुना नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेंगे। आर्थिक मामलों में सतर्क रहें। यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाह रहे हैं तो 57 दिन कोशिश करें कि ना खरीदें। अति उत्साह में किया गया कार्य तकलीफदेह साबित होगा। पारिवारिक जीवन में भी मतभेद होगा।

धनु राशि
इस राशि में ही शनि-मंगल की युति हो रही है। इसलिए सबसे ज्यादा धनु राशि के जातक प्रभावित होंगे। इस राशि का स्वामी गुरु है इसलिए जीवन में बड़े द्वंद्व की स्थिति रहेगी। अचानक आई मुसीबतों में खुद को संभालने की आवश्यकता होगी। जीवन में बहुत सी चीजें उथल-पुथल हो जाएंगी। प्रेम संबंध टूटेंगे। दांपत्य जीवन में परेशानी आएगी। आर्थिक संकट, मान-सम्मान, पद में कमी आएगी।

मकर राशि
इस राशि वालों के लिए द्वादश भाव यानी व्यय स्थान में शनि-मंगल बैठकर खर्च अधिक करवाएंगे। व्यर्थ के कार्यों पर धन खर्च होगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ नहीं देगा। आपका स्वभाग उग्र हो जाएगा इसलिए विवाद भी अधिक होंगे। परिवारजनों के साथ सामंजस्य बनाकर रखेंगे तो कई परेशानियों से बच जाएंगे। क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। वाहन-मशीनरी का उपयोग करते समय सावधानी रखें।

कुंभ राशि
इस राशि वालों के लिए शनि-मंगल का मिलन एकादश भाव यानी आय स्थान में होगा। इनके लिए शुभ संकेत यह है कि अचानक कहीं से भारी मात्रा में पैसा आ सकता है। या तो कोई रूका हुआ या फंंसा हुआ पैसा आपको मिलेगा। संपत्ति खरीदने के योग भी बन रहे हैं लेकिन ध्यान रखें। अच्छी तरह सोच-विचारकर ही कदम बढ़ाएं।

मीन राशि
इस राशि वालों का दशम स्थान शनि.मंगल प्रभावित करेंगे। यह स्थान बिजनेस, नौकरी, प्रमोशन सरकारी जॉब आदि का स्थान है। ये सभी काम युति के कारण अटकेंगे। कुछ काम चलते.चलते अचानक अटकेंगे। जिन युवाओं की सगाई हो गई हैए वह टूट सकती है। मानसिक तनाव बना रहेगा। इससे स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। मन को शांत रखते हुए जो जैसा चल रहा है उसे चलने देंए कुछ नया करने की कोशिश बिल्कुल न करें।

इन उपायों से मिलेगी बड़ी राहत
शनि-मंगल की युति प्रारंभ होने के दिन यानी 7 मार्च के योग समाप्ति होने तक यानी 2 मई तक हर दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध में गुलाब का फूल डालकर अर्पित करें।
शनि-मंगल की पीड़ा से मुक्ति के लिए हनुमान मंदिर में हर दिन या शनिवार, मंगलवार को गुड़ और चने का नैवेद्य लगाएं।
प्रत्येक शनिवार को हनुमान जी को आंक के पत्तों पर राम-राम लिखकर माला अर्पित करें।
मंगलवार को हनुमानजी या काली माता को मीठा पान भेंट करें।
मंगलवार-शनिवार को पीपल के वृक्ष में सुबह कच्चा दूध-जल अर्पित करें।
कमजोर वर्ग से लेकर अनाथों को यथासंभव भोजन करवाएं।

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