दोनों पक्षों को नोटिस भेजा जा रहा है
लंबे समय से पेडेंसी बढ़ा रहे इन मामलों को लोक अदालत में निपटाया जाएगा। इससे जहां पेडेंसी में भी कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर लोगों को भी राहत मिलेगी। अलग- अलग न्यायालयों से इसकी जानकार भी मंगाई जा रही है। अधिकांश न्यायालयों की सूची मिलने के बाद दोनों पक्षों को नोटिस भेजा जा रहा है। जिन्हे लोक अदालत में आना होगा। जानकारी के अनुसार, सिविल न्यायालय के अलावा कुटुंब न्यायालय, वैवाहिक प्रकरण, हिंदु मैरिज, प्रापर्टी, मनी रिकवरी, एक्सीडेंटल, मोटर, मेंटनेंस, तालाक सहित कई मामलों को लोकअदालत में रखा जाएगा।
अकेले क्रिमिनल मामले ही 14 हजार पेडिंग
न्यायालय में पेडिंग 21 हजार मामलों में सबसे ज्यादा क्रिमिनल मामले पेडिंग हैं। जानकारी के अनुसार, अकेले 14 हजार मामले सिर्फ क्रिमिनल सेक्शन के पेडिंग हैं। लोकअदालत के बाद इन मामलों में गिरावट आ सकती है। अधिकांश मामले सामान्य मारपीट और वाद विवाद वाले हैं।
इन मामलों पर फोकस, छूट भी मिलेगी
नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, दीवानी, पारिवारिक, वैवाहिक, धारा 138 एनआई एक्ट, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण क्लेम प्रकरण, जिला न्यायालय में लंबित राजस्व प्रकरण व अन्य तरह के राजीनामा योग्य प्रकरण एवं बैंक रिकवरी, विद्युत, नगरपालिका के जलकर और संपत्तिकर संबंधित एवं बीएसएनएल के पूर्ववाद प्रकरणों एवं समझौता योग्य समस्त प्रकृति के प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा । बैंक, विद्युत, नगरपालिका एवं बीएसएनएल के प्रकरणों में छूट भी प्रदान की जाएगी।
24 दिन बाद कोर्ट और सभी तहसील न्यायालयों में लोक अदालत
जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आरके सिंह के मार्गदर्शन में 13 जुलाई को जिला न्यायालय शहडोल एवं तहसील न्यायालयों ब्योहारी, जयसिंहनगर एवं बुढ़ार में नेशनल लोक अदालत आयोजित होगी। अति जिला न्यायाधीश एवं सचिव एके त्रिपाठी ने अपील भी की है कि न्यायालय में चल रहे प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से आसानी से कराया जा सकता है।
फैक्ट फाइल
सिविल -4 हजार 290
क्रिमिनल -16 हजार 732
वैवाहिक प्रकरण-180
मई तक की स्थिति में लंबित मामले