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Interview: यूं ही कही बात हो गई सच और बन गई कलेक्टर-संस्कृति जैन

शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सिवनीOct 27, 2024 / 05:02 pm

ashish mishra


सिवनी. जब मैं 12वीं में पढ़ाई कर रही थी उस समय कॅरियर काउंसलिंग के दौरान मैंने ऐसे ही कहा था कि मैं कलेक्टर बनूंगी। लेकिन जीवन में मोड़ आया और मेहनत कर मैंने तीन बार यूपीएससी परीक्षा पास की और अलग-अलग पदों पर रहकर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया और कर रही हूं। यह कहना है कलेक्टर संस्कृति जैन का। जिन्हें लगभग चार माह सिवनी में कलेक्टर के पद पर ज्वाइन किए हो चुका है।
जून माह में गोवंश हत्या को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रही मप्र की सरकार ने 22 जून को बड़ा एक्शन लेते हुए तत्कालीन कलेक्टर क्षितिज सिंघल को हटा दिया और उनकी जगह पर वर्ष 2015 बैच की आईएएस अफसर संस्कृति जैन को सिवनी जिले का कमान सौंपा। 24 जून को कलेक्टर संस्कृति जैन ने ज्वाइन करते हुए मीडिया से अपनी प्राथमिकता बताई थी। कहा था कि हर जिले की प्राथमिकता अलग-अलग होती है। मेरी रूचि आजीविका सहित अन्य क्षेत्रों में काम करना है। हालांकि अभी जिला पटरी पर नहीं आ पाया है। सडक़ें काफी बदहाल स्थिति में हैं। शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा शहर में अतिक्रमण का जाल फैलता जा रहा है। जनसुनवाई में आवेदनों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं लडखड़़ाई हुई हैं। कई योजनाए हैं जो अपूर्ण हैं। इन सभी बिन्दुओं को लेकर पत्रिका ने कलेक्टर से सवाल किया। जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया।
प्रश्न-छात्र से आईएएस बनने का सफर कैसा रहा?
उत्तर-मेरे माता-पिता एयरफोर्स में रहे। ऐसे में मैंने देश के अलग-अलग जगहों पर पढ़ाई की। मैंने काफी अनुशासित जीवन जीया है। कॉलेज पूरा होने के बाद मैंने फेलोशिप की थी। मैंने तीन बाद यूपीएससी क्लियर की और अलग-अलग जगह सर्विस देने के बाद मैं आईएएस ज्वाइन किया। हालांकि 12वीं में कॅरियर काउंसलिंग के दौरान ऐसे ही कहा था कि कलेक्टर बनूंगी और आखिरकार बन गई।
प्रश्न-यूपीएससी परीक्षा किस पर निर्भर करती है?
उत्तर-यूपीएससी परीक्षा मेहनत, टैलेंट और पढ़ाई पर निर्भर करती है। परिस्थितियां भी काफी मायने रखती है। यह एक दिन का नहीं एक वर्ष का मैराथन है। दिल्ली में मेरा घर रहा और वही से तैयारी की। अलग-अलग लोगों से सीखने को मिला।
प्रश्न-जीवन का कोई टर्निंग प्वाइंट रहा?
उत्तर-मेरा पूरा मन था कि मैं एक रिसर्चर बनूं। हालांकि जीवन में उतार-चढ़ाव आता रहता है। कभी कभार असमंजस की भी स्थिति बनती है, लेकिन एक मोड़ आपको बदल देता है। ऐसा ही मेरे साथ हुआ।
प्रश्न-जीवन में आगे बढऩे के लिए सबसे जरूरी क्या है?
उत्तर-जिज्ञासा। यदि किसी को कुछ भी सीखना है तो जिज्ञासा सबसे महत्वपूर्ण है। मैंने हर कदम पर सीखा है। उपन्यास काफी पढ़ी। स्कूल और लोगों से सीखा। आपमें किसी विषय की गहराई तक जानने की ललक जरूरी है। जिज्ञासा जिसके पास है वह हर लक्ष्य पा सकता है और अब तो काफी आसान हो गया है। आज बच्चों को वोकेशनल ट्रेनिंग, कोडिंग सीखाई जा रही है। टेक्नोलॉजी बहुत बड़ा ब्रिज बन चुका है। अब हमारे हाथ में ज्ञान है। बस यह जरूरी है कि हम किस प्रकार का ज्ञान ले रहे हैं।
प्रश्न-अभाव एवं सुविधाओं में क्या बेहतर है?
उत्तर-अभाव में जब आप जीते हैं तो रिक्स लेने की क्षमता बढ़ जाती है। कई बार संसाधन में हमारे ऊपर प्रेशर आ जाता है कि आप इतना नहीं किए जो क्या किए। यह नजरिया की बात है।
प्रश्न-महिलाओं की सशक्तिकरण को लेकर क्या कहेंगी?
उत्तर-नारी शक्ति एक अद्भुत शक्ति है। पुरुष को पहले यह सोचना बंद करना होगा कि नारी यह कार्य कर सकती है और यह नहीं। नारी घर पर रहती है तो परिवार संभालती है और बाहर रहती है तो भी वह सशक्त होती है।दोनों ही रूप में समाज एवं घर को उसका मूल्य समझना होगा।
प्रश्न-किसी के लिए जीवन में शिक्षा कितनी जरूरी है?
उत्तर-शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। जिज्ञासा जरूरी है।

प्रश्न-जिले में स्कूलों की हालत काफी खराब है?
उत्तर-निरंतर काम किया जा रहा है। शिक्षा हर स्कूल में उपलब्ध हो यह व्यवस्था बनाई जा रही है। युक्तियुक्तकरण का कार्य किया जा रहा है। शिक्षा मेरा पनपसंद फिल्ड है। हम ऐसे अच्छे शिक्षक को खोजेंगे जो अपने सीमित संसाधन में बच्चों को अच्छा शिक्षा दे रहे हैं। उनसे दूसरे शिक्षकों को प्रेरित करेंगे।
प्रश्न-आए दिन स्कूलों में शिक्षकों पर सवाल उठ रहे हैं?
उत्तर-समाज को जागरूक होना होगा। उनकी मानिटरिंग ही बेहतर शिक्षा का माहौल स्कूल में दे सकती है। पहले ऐसा ही होता था और शिक्षक एवं पैरेट्स में बात होती थी। लोग वापस ध्यान देंगे और मानिटरिंग करेंगे तो बदलाव आएगा। जो शिक्षक गलती कर रहे हैं उन पर कार्रवाई हो रही है।
प्रश्न-स्वास्थ्य की व्यवस्था लडखड़़ाई हुई है?
उत्तर-स्वास्थ्य व्यवस्था देखी जा रही है। माह में समीक्षा की जा रही है। सीमित संसाधन में भी चुनौती देखने को मिलती है। सुविधा दे रहे है। निरंतर मानिटरिंग हो रही है। विभागों को सेल्फ मानिटरिंग करनी होगी। स्वप्रेरणा से अपना काम करें।
प्रश्न-शहर में अतिक्रमण का जाल फैल रहा है?
उत्तर-बारिश के समय में अतिक्रमण पर कार्रवाई मुश्किल होता है। अब कार्रवाई करेंगे।
प्रश्न-राजनीतिक दबाव में भी कार्रवाई नहीं हो रही है?
उत्तर-ऐसा नहीं है।

प्रश्न-जिले में सडक़ें काफी खराब है?
उत्तर-काम चल रहा है। जल्द ही सब व्यवस्थित हो जाएगा। मैं लोगों से भी कहूंगी कि वे भी बताएं। सडक़ की गुणवत्ता को लेकर शिकायत होने पर जांच भी कराई जा रही है।
प्रश्न-जल जीवन मिशन की स्थिति काफी खराब है?
उत्तर-इसमें दो योजना चल रही है। हम हर स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं। कमियां पाए जाने पर कार्रवाई भी कर रहे हैं। राज्य एवं जिला स्तर पर समीक्षा भी हो रही है।
प्रश्न-जिले को और बेहतर कैसे बनाने की योजना है?
उत्तर-कलेक्टर का दो विभागों में समन्वय बनाना सबसे महत्वपूर्ण काम होता है। इससे पॉजिटिव रिजल्ट आता है। यही आगे भी रहेगा और जिले में बेहतर काम हो सकेगा।
प्रश्न-अधिकारी, कर्मचारी काम करने से कतरा रहे हैं?
उत्तर-हर एक व्यक्ति की क्षमता होती है। इसके बावजूद भी अगर कोई अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है तो कार्रवाई भी की जा रही है।

प्रश्न-सफलता की परिभाषा क्या है?
उत्तर-यह तो बदलती रहती है। सफल वही है जो खुश है।
प्रश्न-भ्रष्टाचार को लेकर क्या सोचती हैं?
उत्तर-भ्रष्टाचार एक सामाजिक बुराई है।

प्रश्न-खेल को लेकर क्या कहेंगी?
उत्तर-यह बहुत अच्छा माध्यम है। खासकर यह बच्चियों के लिए बहुत जरूरी है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।

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