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सिवनी

बदहाल नहरों से फिर होगी पानी की बर्बादी

– भीमगढ़ बांध से जुड़ी नहरों को सफाई-मरम्मत का इंतेजार

सिवनीNov 07, 2024 / 07:07 pm

sunil vanderwar

नहर के फॉल की क्षतिग्रस्त दीवार।

नहर के फॉल की क्षतिग्रस्त दीवार।

सिवनी/भीमगढ़. शासन-प्रशासन के निर्देश हैं कि जल्द नहरों को दुरुस्त किया जाए, ताकि नहरों के अंतिम छोर तक की कृषि भूमि को पर्याप्त सिंचाई का पानी मिल सके। इसी सम्बंध में कलेक्टर संस्कृति जैन ने भी जल संसाधन विभाग की बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए थे। लेकिन जिले में कई ऐसी नहरें हैं, जिनमें हर साल मरम्मत-सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति होती रही है। ऐसे में नहरों के फूटने और पानी के बेकार बहने के मामले हर साल हो रहे हैं।
कृषि प्रधान इस जिले के सबसे बड़े बांध भीमगढ़ से जुड़ी नहरों की हालत भी वर्षों से क्षतिग्रस्त है, लेकिन सुधार के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारी बेपरवाह हैं। नवम्बर महीने का एक सप्ताह बीत गया है, लेकिन मरम्मत या सफाई के काम में तेजी नहीं दिख रही है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इसी महीने के तीसरे सप्ताह से किसानों की मांग आने पर नहरों से पानी छोड़ा जा सकता है। यदि बिना नहरों की सफाई और मरम्मत किए बांध का पानी छोड़ा गया, तो पानी की बर्बादी निश्चित है।
टूटी नहर को सुधार का इंतेजार।
टूटी नहर को सुधार का इंतेजार।
विकासखंड छपारा के ग्राम भीमगढ़ में बने संजय सरोवर बांध से सिवनी के अलावा बालाघाट के अलावा महाराष्ट्र के जिलों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचता है। ऐसे में हर साल करोड़ों रुपए नहरों की सफाई-मरम्मत के नाम पर विभाग फंड तय करती है, लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से काम में लापरवाही होती रही है।
भीमगढ़ बांध से निकलने वाली बांयी तट नहर में अब तक किसी प्रकार की साफ -सफाई या मरम्मत नहीं की गई है, जबकि जगह-जगह से नहर टूट गई है। नहर के बड़े हिस्से में झाडिय़ां, घास बढ़ गई है। नहरों की बनाई गई फॉल में दरारें आ गई हैं, जो जल भराव होने पर जगह-जगह से रिसाव होगा। यदि पानी की रफ्तार तेज रही तो नहरें फूट भी सकती हैं। यदि ऐसा हुआ तो नहर का पानी सीधे किसानों के खेतों में जाकर फसल को खराब करेगा।
नहर के भीतर उगी झाड़ी-घास।
नहर के भीतर उगी झाड़ी-घास।

मनमानी पर रहे क्षेत्रीय कर्मचारी
किसानों ने बताया कि इस बार नहरों की सफाई व मरम्मत नहीं हुई है। यदि बिना काम किए पानी छोड़ा गया, तो नहर फूटना तय है। ऐसे में फसल खराब होगी। कहा कि जल संसाधन विभाग के कुछ कर्मचारियों ने नहरों की हालत को खुद भी देखा है, लेकिन वे अपनी मनमर्जी से मरम्मत का काम कराने की जुगत में लगे हैं। इस कारण जल्दी सफाई व मरम्मत नहीं हो पा रही है। विभागीय अधिकारियों से जब किसानों ने चर्चा की तो कहा गया कि 15 नवम्बर तक नहर खोलने के पहले मरम्मत और सफाई करा ली जाएगी। हालांकि नहर के बड़े हिस्से में महज एक सप्ताह में काम पूरा हो पाना संभव नजर नहीं आता।

जल उपभोक्ता संथा ने उठाई मांग
भीमगढ़ क्षेत्र के उपभोक्ता संस्था के अध्यक्ष नवल श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों के लिए सिंचाई का पर्याप्त पानी देने को लेकर बीते दिनों सिंचाई विभाग ने सुझाव देने के लिए बैठक बुलाया था। तब हमने जल्द नहरों की मरम्मत-सफाई के लिए कहा था। अधिकारियों को यह काम जल्द कराना चाहिए। जल उपभोक्ता संथा के पास कोई फंड नहीं है। यदि फंड मिले तो जरूरी काम को समय पर कराया जा सकेगा।
इनका कहना है –
भीमगढ़ बांध में पर्याप्त पानी है। किसानों की मांग आने पर नहर में पानी छोड़ा जाएगा। नहरों की मरम्मत और सफाई का काम चल रहा है, जहां भी सुधार की जरूरत है, काम कराया जा रहा है।
उदयभान मर्सकोले एसडीओ, भीमगढ़ बांध

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