कब होगा जिले के खदानों का निरीक्षण-
खास है कि विधायक की शिकायत के बाद टीम के निरीक्षण और रेत खदान में बड़े पैमाने पर पाई गई अनियमितता ने जिला प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। जिला खनिज अधिकारी पर भाजपा विधायक राय पहले ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके है। ऐसे में जिला प्रशासन खदानों में मशीपों के हो रहे उपयोग का निरीक्षण कब कराएंगे। इसके लिए खनिज के अलावा क्या दूसरे विभागीय अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी। यह सवाल खड़ा हो रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के दूसरे जिले में कलेक्टर के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो रही है।
खास है कि विधायक की शिकायत के बाद टीम के निरीक्षण और रेत खदान में बड़े पैमाने पर पाई गई अनियमितता ने जिला प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। जिला खनिज अधिकारी पर भाजपा विधायक राय पहले ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके है। ऐसे में जिला प्रशासन खदानों में मशीपों के हो रहे उपयोग का निरीक्षण कब कराएंगे। इसके लिए खनिज के अलावा क्या दूसरे विभागीय अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी। यह सवाल खड़ा हो रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के दूसरे जिले में कलेक्टर के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो रही है।
पर्यावरण मंजूरी के बिना संचालित हो रहे खदान-
प्रधानमंत्री सहित संबंधित उच्चाधिकारियों से भी कुछ लोगों ने शिकायत की है। यदि उन शिकायत पर गौर करें तो बिना पर्यावरण मंजूरी के जिले में रेत खदान संचालित हो रहे हैं। नदी में पानी होने के बाद भी मशीन से रेत निकाला जा रहा है। इससे जलीय जीवों एवं प्राकृति को खतरा है। रेत उत्खनन करने वाले एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर खुदाई कर रहे है। तीन मीटर तक खुदाई की अनुमति रहती है। नियम विरुद्ध तीन गुना से अधिक खुदाई की जा रही है। यदि नियमानुसार गड्ढों की नपाई कर जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई तो सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री सहित संबंधित उच्चाधिकारियों से भी कुछ लोगों ने शिकायत की है। यदि उन शिकायत पर गौर करें तो बिना पर्यावरण मंजूरी के जिले में रेत खदान संचालित हो रहे हैं। नदी में पानी होने के बाद भी मशीन से रेत निकाला जा रहा है। इससे जलीय जीवों एवं प्राकृति को खतरा है। रेत उत्खनन करने वाले एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर खुदाई कर रहे है। तीन मीटर तक खुदाई की अनुमति रहती है। नियम विरुद्ध तीन गुना से अधिक खुदाई की जा रही है। यदि नियमानुसार गड्ढों की नपाई कर जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई तो सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
यह आए थे जांच करने-
कमिश्नर अभय वर्मा ने कांग्रेस विधायक की शिकायत के संभागीय जांच कमेटी गठित की। जांच टीम के साथ अतिरिक्त कमिश्नर अमर बहादुर सिंह, क्षेत्रीय प्रमुख भौमिक तथा खनिकर्म जबलपुर अनिल नारनवरे, क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर आलोक जैन, उप संचालक खनिज एवं प्रशासन जबलपुर रत्नेश दीक्षित पहुंचे थे। केवलारी एसडीए महेश अग्रवाल के नेतृत्व में स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर उपस्थित रहे।