सिवनी

विधायक ने पांच बार लिखा कमिश्नर को पत्र, कई बार कॉल, तब हुई रेत खदान की जांच

– अतिरिक्त कमिश्नर के नेतृत्व में पहुंची टीम खदान के अंदर तीन किमी तक पहुंची
– अवैध खनन देखा, पेड़ व खेत की जमीन का कटाव भी आया नजर
– विधायक बोले, अब तक क्या हुई कार्रवाई नहीं चला पता

सिवनीJun 01, 2024 / 05:47 pm

akhilesh thakur

जांच करने पहुंचे अधिकारियों से बात करते कांग्रेस विधायक।

सिवनी. सिवनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन ने बीते वर्ष रेत खदान में अवैध खनन का मुद्दा उठाया था। उनके निरीक्षण में पोकलेन मशीन रेत खदान के अंदर खनन करते नजर आई थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रेत खदानों में मशीन का उपयोग हो रहा है। ऐसा कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश की अवहेलना की जा रही है। इन सबके बीच अब केवलारी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह ने पर्यावरण मंजूरी की अनदेखी। अवैध रेत खनन। रेत खनन से खेत की जमीन का कटाव। कटाव की चपेट में आकर पेड़ों का गिरना और पुल के क्षतिग्रस्त होने की संभावना जताते हुए संभगीय टीम से जांच कराई है।
कांग्रेस विधायक सिंह ने ‘पत्रिका’ को बताया कि उन्होंने जांच कराने के लिए पांच बार कमिश्नर सहित उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे है। करीब दर्जनभर से अधिक बार कॉल लगाया है। इसके बाद संभागीय टीम ने उगली क्षेत्र के रेत खदानों की जांच बुधवार को अतिरिक्त कमिश्नर अमर बहादुर सिंह के नेतृत्व में किया है।
विधायक का कहना है कि पर्यावरण की अनदेखी कर बागडोंगरी व खुर्सीपार के रेत खदानों से उत्खनन किया गया है। संभागीय टीम खदान के तीन किमी अंदर तक पहुंचकर इसकी जांच की है। जांच में मामला सही पाया गया है। लेकिन अभी तक क्या कार्रवाई हो रही है। यह उनको मालूम नहीं हो पाया है।
‘पत्रिका’ से बातचीत के दौरान विधायक सिंह ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर रेत का उत्खनन किए जाने से किसानों की भूमि का कटाव हुआ है। जलस्तर गिरा है। पेड़-पौधों का दोहन बड़ी मशीनों का उपयोग कर किया गया है। रेत के अवैध उत्खनन से जंगली जानवर गांव की सीमा तक प्रवेश करने लगे थे।
उनका कहना है कि बड़े वाहनों के अवागमन से सडक़ पर जहां-तहां गड्ढे हो गए हैं। इससे अवागमन में परेशानी हो रही है। विधायक ने आरोप लगाया है कि बगैर सीमांकन के रेत उत्खनन कहीं भी कर दिया गया है। मशीनों से उत्खनन किए जाने से धनी और हिर्री नदी पर बने पुल को भी खतरा है। सोसायटी गोदाम की भूमि के कटाव से दरार जैसी स्थिति निर्मित हो गई है।
कब होगा जिले के खदानों का निरीक्षण-


खास है कि विधायक की शिकायत के बाद टीम के निरीक्षण और रेत खदान में बड़े पैमाने पर पाई गई अनियमितता ने जिला प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। जिला खनिज अधिकारी पर भाजपा विधायक राय पहले ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके है। ऐसे में जिला प्रशासन खदानों में मशीपों के हो रहे उपयोग का निरीक्षण कब कराएंगे। इसके लिए खनिज के अलावा क्या दूसरे विभागीय अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी। यह सवाल खड़ा हो रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के दूसरे जिले में कलेक्टर के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो रही है।
पर्यावरण मंजूरी के बिना संचालित हो रहे खदान-


प्रधानमंत्री सहित संबंधित उच्चाधिकारियों से भी कुछ लोगों ने शिकायत की है। यदि उन शिकायत पर गौर करें तो बिना पर्यावरण मंजूरी के जिले में रेत खदान संचालित हो रहे हैं। नदी में पानी होने के बाद भी मशीन से रेत निकाला जा रहा है। इससे जलीय जीवों एवं प्राकृति को खतरा है। रेत उत्खनन करने वाले एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर खुदाई कर रहे है। तीन मीटर तक खुदाई की अनुमति रहती है। नियम विरुद्ध तीन गुना से अधिक खुदाई की जा रही है। यदि नियमानुसार गड्ढों की नपाई कर जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई तो सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।

यह आए थे जांच करने-


कमिश्नर अभय वर्मा ने कांग्रेस विधायक की शिकायत के संभागीय जांच कमेटी गठित की। जांच टीम के साथ अतिरिक्त कमिश्नर अमर बहादुर सिंह, क्षेत्रीय प्रमुख भौमिक तथा खनिकर्म जबलपुर अनिल नारनवरे, क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर आलोक जैन, उप संचालक खनिज एवं प्रशासन जबलपुर रत्नेश दीक्षित पहुंचे थे। केवलारी एसडीए महेश अग्रवाल के नेतृत्व में स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर उपस्थित रहे।

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