पहले 50 और फिर 100 सीट पर मान्यता
सिवनी मेडिकल कॉलेज में पहले 50 सीटों पर ही दाखिले के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की मान्यता मिली थी। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास से 100 सीट पर मान्यता दी गई। स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश की स्वीकृति प्राप्त हुई। तकनीकी शिक्षा विभाग ने एमबीबीएस की सत्र 2024-25 की काउंसिलिंग प्रक्रिया में 100 सीटों को सम्मिलित भी कर लिया और फिर विद्यार्थियों के दाखिले भी हो गए। हालांकि स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्धता न होने से प्रबंधन चिंतित था जो अब दूर हो गई है।
सिवनी मेडिकल कॉलेज में पहले 50 सीटों पर ही दाखिले के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की मान्यता मिली थी। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास से 100 सीट पर मान्यता दी गई। स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश की स्वीकृति प्राप्त हुई। तकनीकी शिक्षा विभाग ने एमबीबीएस की सत्र 2024-25 की काउंसिलिंग प्रक्रिया में 100 सीटों को सम्मिलित भी कर लिया और फिर विद्यार्थियों के दाखिले भी हो गए। हालांकि स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्धता न होने से प्रबंधन चिंतित था जो अब दूर हो गई है।
यह होती परेशानी
मध्यप्रदेश स्टेट विश्वविद्यालय के अपने एक मापदंड है। उसके अनुसार ही मेडिकल कॉलेज को संबद्धता प्रदान की जाती है। अगर विश्वविद्यालय के मापदंड पर सिवनी मेडिकल कॉलेज खरा नहीं उतरता तो भी संबद्धता प्रक्रिया रूक जाती। ऐसे में न ही परीक्षा होती और नही रिजल्ट जारी हो पाता। इसके अलावा भी अन्य समस्या आती।
मध्यप्रदेश स्टेट विश्वविद्यालय के अपने एक मापदंड है। उसके अनुसार ही मेडिकल कॉलेज को संबद्धता प्रदान की जाती है। अगर विश्वविद्यालय के मापदंड पर सिवनी मेडिकल कॉलेज खरा नहीं उतरता तो भी संबद्धता प्रक्रिया रूक जाती। ऐसे में न ही परीक्षा होती और नही रिजल्ट जारी हो पाता। इसके अलावा भी अन्य समस्या आती।
अगस्त तक गायब थे तीनों कॉलेज का नाम
प्रदेश में वर्ष 2024 में सिवनी, नीमच, मंदसौर में तीन नए सरकारी मेडिकल कालेज आरंभ करने का निर्णय ले लिया गया था, लेकिन अगस्त 2024 तक मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की संबद्धता सूची से तीनों नए सरकारी कालेज के नाम गायब थे। संबद्धता के बिना नए कालेजों में प्रवेश को लेकर छात्र-छात्राओं में असमंजस की स्थिति थी। शुल्क कम होने के कारण विद्यार्थी सरकारी कालेज में प्रवेश को प्राथमिकता देते हैं।
प्रदेश में वर्ष 2024 में सिवनी, नीमच, मंदसौर में तीन नए सरकारी मेडिकल कालेज आरंभ करने का निर्णय ले लिया गया था, लेकिन अगस्त 2024 तक मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की संबद्धता सूची से तीनों नए सरकारी कालेज के नाम गायब थे। संबद्धता के बिना नए कालेजों में प्रवेश को लेकर छात्र-छात्राओं में असमंजस की स्थिति थी। शुल्क कम होने के कारण विद्यार्थी सरकारी कालेज में प्रवेश को प्राथमिकता देते हैं।
328 करोड़ की लागत से बना भवन
सिवनी में मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर लंबी मांग रही। इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने काफी प्रयास किया। परिणामस्वरूप वर्ष 2024 में मान्यता मिल गई। हालांकि शिलान्यस लगभग 10 साल पहले हो गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी आधारशिला रखी थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पड़ोसी जिला छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज खुल गया, लेकिन सबसे बड़ी दरकार जिस जिले को थी वह खाली रह गया। प्रयास होते रहे और अंतत: सफलता मिली। 328 करोड़ की लागत से सिवनी में भी मेडिकल कॉलेज बन गया और पढ़ाई शुरु हो गई है। सभी रूकावट भी अब दूर हो गई है।
सिवनी में मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर लंबी मांग रही। इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने काफी प्रयास किया। परिणामस्वरूप वर्ष 2024 में मान्यता मिल गई। हालांकि शिलान्यस लगभग 10 साल पहले हो गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी आधारशिला रखी थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पड़ोसी जिला छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज खुल गया, लेकिन सबसे बड़ी दरकार जिस जिले को थी वह खाली रह गया। प्रयास होते रहे और अंतत: सफलता मिली। 328 करोड़ की लागत से सिवनी में भी मेडिकल कॉलेज बन गया और पढ़ाई शुरु हो गई है। सभी रूकावट भी अब दूर हो गई है।
इनका कहना है –
शासकीय मेडिकल कॉलेज सिवनी को मध्यप्रदेश स्टेट विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल गई है। विश्वविद्यालय ही परीक्षा आयोजित करती है और रिजल्ट जारी होता है। सभी रूकावटें अब लगभग दूर हो चुकी हंै।
डॉ. परवेज, डीन, मेडिकल कॉलेज, सिवनी
शासकीय मेडिकल कॉलेज सिवनी को मध्यप्रदेश स्टेट विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल गई है। विश्वविद्यालय ही परीक्षा आयोजित करती है और रिजल्ट जारी होता है। सभी रूकावटें अब लगभग दूर हो चुकी हंै।
डॉ. परवेज, डीन, मेडिकल कॉलेज, सिवनी