मध्य रेलवे की ट्रेन होने से प्राथमिकता
बताया जाता है कि शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस मध्य रेलवे नागपुर मंडल की ट्रेन है। इस वजह से इस ट्रेन को प्राथमिकता देते हुए वाया आमला से चलाया जा रहा है। जबकि इतवारी-रीवा एक्सप्रेस दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ट्रेन है। इस वजह से भी मध्य रेलवे इस पर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि यात्रियों के लिहाज से दोनों ट्रेनें महत्वपूर्ण हैं। रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि अगर जनप्रतिनिधि आवाज उठाएं तो समस्या का समाधान हो सकता है।
बताया जाता है कि शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस मध्य रेलवे नागपुर मंडल की ट्रेन है। इस वजह से इस ट्रेन को प्राथमिकता देते हुए वाया आमला से चलाया जा रहा है। जबकि इतवारी-रीवा एक्सप्रेस दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ट्रेन है। इस वजह से भी मध्य रेलवे इस पर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि यात्रियों के लिहाज से दोनों ट्रेनें महत्वपूर्ण हैं। रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि अगर जनप्रतिनिधि आवाज उठाएं तो समस्या का समाधान हो सकता है।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरु हुआ कार्य
्रसिवनी-छिंदवाड़ा-इतवारी रेल सेक्शन में सौंसर के पास रेलवे ब्रिज नंबर-94 में आई दरार को लेकर लगभग दो माह कार्य रूका रहा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से कार्य शुरु शुरु हुआ है। रेलवे नया ब्रिज बना रहा है। बीते दिनों रेल मंत्रालय से मिले हरी झंडी के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई। अब रेलवे के अधिकारियों के निगरानी में कार्य शुरु हो गया है। कार्यों के लिए ब्रिज से लगभग 500 मीटर आगे और 500 मीटर पीछे की रेल उखाड़ दी गई है। आधुनिक तकनीक से लैस मशीनों के साथ 100 से अधिक मजदूरों को निर्माण कार्य के लिए लगाया गया है। बताया जाता है कि ब्रिज बनाने के लिए छह माह का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन समय और भी लग सकता है।
्रसिवनी-छिंदवाड़ा-इतवारी रेल सेक्शन में सौंसर के पास रेलवे ब्रिज नंबर-94 में आई दरार को लेकर लगभग दो माह कार्य रूका रहा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से कार्य शुरु शुरु हुआ है। रेलवे नया ब्रिज बना रहा है। बीते दिनों रेल मंत्रालय से मिले हरी झंडी के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई। अब रेलवे के अधिकारियों के निगरानी में कार्य शुरु हो गया है। कार्यों के लिए ब्रिज से लगभग 500 मीटर आगे और 500 मीटर पीछे की रेल उखाड़ दी गई है। आधुनिक तकनीक से लैस मशीनों के साथ 100 से अधिक मजदूरों को निर्माण कार्य के लिए लगाया गया है। बताया जाता है कि ब्रिज बनाने के लिए छह माह का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन समय और भी लग सकता है।
1400 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है कार्य
छिंदवाड़ा से इतवारी तक गेज कन्वर्जन का कार्य लगभग 1400 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसमें ब्रिज नंबर-94 में लगभग ढाई करोड़ रुपए खर्च आए थे। बताया जाता है कि ब्रिज से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई थी। तीन साल से ब्रिज के पास से ट्रेन इसी रफ्तार से चल रही थी। यह ब्रिज घाट सेक्शन में भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच आता है।
छिंदवाड़ा से इतवारी तक गेज कन्वर्जन का कार्य लगभग 1400 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसमें ब्रिज नंबर-94 में लगभग ढाई करोड़ रुपए खर्च आए थे। बताया जाता है कि ब्रिज से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई थी। तीन साल से ब्रिज के पास से ट्रेन इसी रफ्तार से चल रही थी। यह ब्रिज घाट सेक्शन में भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच आता है।
इन ट्रेनों को विस्तार की जरूरत
वर्तमान में छिंदवाड़ा से सिवनी होते हुए नैनपुर तक सुबह एवं शाम को एक-एक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। वहीं नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस प्रतिदिन चल रही है। पेंचवैली एक्सप्रेस सुबह इंदौर से छिंदवाड़ा होते हुए सिवनी आती है और फिर बैतूल पैसेंजर बनकर रवाना हो जाती है। जबकि जरूरत है कि शाम को भी पेंचवैली एक्सप्रेस सिवनी से छिंदवाड़ा होते हुए इंदौर तक चलाई जाए। पातालकोट एक्सप्रेस सुबह फिरोजपुर से छिंदवाड़ा होते हुए सिवनी तक आती है और फिर इसी रूट से फिरोजपुर के लिए रवाना हो जाती है। जबकि अगर रेलवे चाहे तो यह ट्रेन नैनपुर तक भी चलाई जा सकती है। इसके अलावा छिंदवाड़ा से सिवनी होते हुए नैनपुर तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को जबलपुर चलाने की दरकार है। इससे यात्रियों को काफी सुविधा मिल जाएगी। इसके अलावा अन्य ट्रेनों की मांग को भी पूरा किया जाना चाहिए। रीवा-इतवारी एक्सप्रेस को डायवर्ट रूट से ही सही, लेकिन चलाया जाना चाहिए।
वर्तमान में छिंदवाड़ा से सिवनी होते हुए नैनपुर तक सुबह एवं शाम को एक-एक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। वहीं नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस प्रतिदिन चल रही है। पेंचवैली एक्सप्रेस सुबह इंदौर से छिंदवाड़ा होते हुए सिवनी आती है और फिर बैतूल पैसेंजर बनकर रवाना हो जाती है। जबकि जरूरत है कि शाम को भी पेंचवैली एक्सप्रेस सिवनी से छिंदवाड़ा होते हुए इंदौर तक चलाई जाए। पातालकोट एक्सप्रेस सुबह फिरोजपुर से छिंदवाड़ा होते हुए सिवनी तक आती है और फिर इसी रूट से फिरोजपुर के लिए रवाना हो जाती है। जबकि अगर रेलवे चाहे तो यह ट्रेन नैनपुर तक भी चलाई जा सकती है। इसके अलावा छिंदवाड़ा से सिवनी होते हुए नैनपुर तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को जबलपुर चलाने की दरकार है। इससे यात्रियों को काफी सुविधा मिल जाएगी। इसके अलावा अन्य ट्रेनों की मांग को भी पूरा किया जाना चाहिए। रीवा-इतवारी एक्सप्रेस को डायवर्ट रूट से ही सही, लेकिन चलाया जाना चाहिए।
इनका कहना है…
ट्रेनों की मांग को लेकर जल्द ही रेल मंत्री को पत्र लिखेंगे। हम प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द यात्रियों को अधिक से अधिक ट्रेन सुविधा मिले।
दिनेश राय, विधायक, सिवनी
ट्रेनों की मांग को लेकर जल्द ही रेल मंत्री को पत्र लिखेंगे। हम प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द यात्रियों को अधिक से अधिक ट्रेन सुविधा मिले।
दिनेश राय, विधायक, सिवनी