सिवनी

भूख और संक्रमण ने ली टाइगर की जान

– सागर-जबलपुर भेजा मृत बाघ का बिसरा सेंपल

सिवनीNov 15, 2024 / 08:54 pm

sunil vanderwar

पोस्टमार्टम के लिए लामाज्योति लाया गया मृत बाघ।

सिवनी. दक्षिण सिवनी सामान्य वनमंडल के गोपालगंज सर्किल के दतनी गांव के पास बुधवार की दोपहर एक वयस्क बाघ (टाइगर) की मौत हो गई थी। मौत से कुछ देर पहले लोगों ने बाघ को तालाब के पास लडखड़़ाता-तेज सांस लेता देखा था। गुरुवार को वन्यप्राणी चिकित्सक के नेतृत्व में तीन डॉक्टर की टीम ने बाघ का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद वन अधिकारियों ने विधिवत बाघ का दाह संस्कार कराया। पूरी प्रक्रिया के एनटीसीए की गाइड लाइन के मुताबिक की गई।
मृत बाघ के दाह संस्कार पर मौजूद अधिकारी, जनप्रतिनिधि,कर्मी।

पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग सिवनी के दो अन्य डॉक्टर की टीम ने सिवनी परिक्षेत्र के लामाज्योति रेस्ट हाउस में मृत वयस्क बाघ का गुरुवार को पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों ने पाया कि बाघ के पिछले बांये पैर में गहरा घाव है और एक नाखून टूटा हुआ है। घाव के कारण पश बन रही थी। बाघ का पेट भी खाली पाया गया है। संभवत: बाघ सही ढंग से चल नहीं पा रहा था, जिससे शिकार न कर पाने के कारण भूख से उसकी मौत हो गई।

बिसरा रिपोर्ट से होगा मौत का खुलासा
वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. मिश्रा ने बताया कि पीएम में बांए पांव में चोट और एक नाखून टूटा मिला है। शरीर में संक्रमण पाया गया है। पेट भी खाली मिला। प्रथम दृष्टया यही कारण मौत का दिखाई दे रहा है। हालांकि मौत की सही वजह जानने के लिए बिसरा सेंपल लिया है। अगले दो दिन शासकीय अवकाश हैं। सोमवार को बिसरा सेंपल जांच के लिए जबलपुर लैब और फारेंसिंक जांच के लिए सागर लैब भेजा जाएगा। जहां से एक सप्ताह में रिपोर्ट मिलने पर बाघ की मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।

बाघ की पहचान
मृत बाघ कोर एरिया का है या बफर से आया था, इसके बारे में कोई स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहा है। किस क्षेत्र और किस बाघिन से जन्मा बाघ था, इसकी पहचान के लिए मृत बाघ के फोटो का बाघों के रेकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है। बताया गया कि संभव है कि यह बाघ बाहरी क्षेत्र का ही है, क्योंकि अब तक इसके रेसे और पहचान के अन्य श्रोत से मिलान नहीं हो पाया है। फिर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

अफसरों की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव का अंतिम संस्कार लामाज्योति रेस्टहाउस के पास जंगल में किया गया। वनकर्मियों ने लकड़ी की चिता बनाई और अधिकारियों के निर्देशन में मृत बाघ को रखकर अग्नि देकर जलाने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान सीसीएफ एसएस उद्दे, पेंच के फील्ड डायरेक्टर देवा प्रसाद जे., दक्षिण सामान्य वनमंडल के डीएफओ एचएस मिश्रा, वनोपज यूनियन के अध्यक्ष घनश्याम सराठे, रेंजर, सरपंच एवं वन अमले की मौजूदगी रही।
इनका कहना है –
प्रथम दृष्टया बाघ की मौत का कारण बांए पैर में घाव है, इसके कारण वह शिकार नहीं कर पा रहा था। पेट खाली था। बिसरा सेंपल भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट मिलने पर मौत का उचित कारण पता चल सकेगा।7
एचएस मिश्रा डीएफओ, दक्षिण सामान्य वनमंडल सिवनी

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