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अव्यवस्थाओं के बीच डीईओ कार्यालय में हुई कांउसलिंग

– दूसरे दिन भी पूरी नहीं हो पाई काउंसलिंग की प्रक्रिया

सिवनीAug 30, 2024 / 05:59 pm

sunil vanderwar

अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग करते जबलपुर, सिवनी के सहायक संचालक।

अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग करते जबलपुर, सिवनी के सहायक संचालक।

सिवनी. शिक्षा विभाग के अतिशेष प्राथमिक शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया गुरुवार को दूसरे दिन भी पूरी नहीं हो पाई। सुबह 11 बजे से काउंसलिंग शुरू होने से पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में शिक्षकों की भीड़ जमा हो गई थी। शिक्षकों को तीखी धूप में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। इनमें कई शिक्षक ऐसे भी थे, जिनको इंतजार करते शाम हो गई। लेकिन उनका क्रम नहीं आया।

बता दें कि जिले के तीन विकासखण्ड सिवनी, बरघाट व केवलारी के 419 शिक्षकों के नाम अतिशेष सूची में हैं। इन शिक्षकों ने बुधवार को काउंसलिंग में मनमानी के आरोप लगाते हुए विरोध किया था। इसके बाद कलेक्टर संस्कृति जैन ने इस मामले को संज्ञान लेकर डीईओ एसएस कुमरे को निर्देशित करते हुए व्यवस्था में बदलाव कर काउंसलिंग शुरू कराई। तब 113 अतिशेष सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग की गई थी।
काउंसलिंग में अतिशेष शिक्षकों के हंगामे की खबर पाकर संयुक्त संचालक कार्यालय जबलपुर से सहायक संचालक संध्या रैकवार सिवनी पहुंची। उनकी उपस्थिति में काउंसलिंग के लिए अतिशेष प्राथमिक शिक्षकों को क्रम से बुलाया गया। काउंसलिंग में उनके साथ सहायक संचालक व अन्य प्राचार्य शामिल रहे। बताया गया कि तीनों विकासखण्ड के कुल 306 प्राथमिक शिक्षकों के नाम अतिशेष सूची में हैं। इतने शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए डीईओ ऑफिस में बुला भी लिया गया, लेकिन उतने पद रिक्त नहीं हैं। ऐसे में बहुत से शिक्षकों का क्रम काउंसलिंग में नहीं आ सकेगा। इसके बावजूद सभी अतिशेष शिक्षकों को कार्यालय में आना पड़ रहा है।

छांव, पानी, कुर्सी को भी तरसे शिक्षक
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया तीन दिनों से चल रही है। ऐसे में रोजाना बड़ी संख्या में शिक्षकों की भीड़ लग रही है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों ने छांव के लिए न तो टेंट की व्यवस्था कराई, न ही बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियां लगवाई। इतना ही नहीं पीने के पानी का भी इंतजाम नहीं किया गया है। जबकि शिक्षकों को घंटों काउंसलिंग के लिए सहायक संचालक कक्ष, स्थापना शाखा कक्ष के सामने बैठे रहना पड़ा। कई शिक्षकों ने व्यवस्था में कमी को लेकर आपस में जमकर भड़ास निकाली।

आखिर सीएम राइज में अवसर क्यों नहीं
काउंसलिंग के दौरान सीएम राइज स्कूल में अध्यापन के लिए परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही सारी पात्रता रखने वाले कुछ शिक्षकों ने अपने पद के लिए आवेदन किया, लेकिन देर शाम तक उनका चयन नहीं हुआ। दूसरी तरफ अन्य विद्यालयों के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को मनचाही जगह मिल रही थी। इससे उक्त कांसलिंग सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया है। यह स्थिति तब है जब एक दिन पूर्व शिक्षकों के हंगामे के बाद कलेक्टर संस्कृति जैन ने डीईओ की क्लास लगाई थी। दूसरे दिन गुरुवार को संयुक्त संचालक जबलपुर कार्यालय से सहायक संचालक डीइओ कार्यालय में डेरा जमाए हुए थे। इसके बावजूद यह स्थिति निर्मित हुई, जो सही प्रतीत नहीं हो रही है। कुछ शिक्षकों ने इसकी सूक्ष्म जांच कराए जाने की मांग की है। ‘पत्रिका’ टीम को मौके पर समूह में खड़े कुछ शिक्षकों ने यह बात बताई है। उधर इस संबंध में सहायक संचालक पाटिल ने बताया कि सीएम राइज स्कूल में जो पदस्थ है पहले उनको पात्रता देंगे। इसके बाद पात्र शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर पोस्टिंग की जाएगी। बताया कि ऐसा निर्देश लोकशिक्षण संचालनालय से प्राप्त हुआ है।

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