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जयपुर

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही नहीं है शौचालय, बैठक में उठा मुद्दा

साहब! सरकार हमसे बार-बार कह रही है कि गांवों में शोचालय बनवाओं लोगों को
जागृत करो इस अभियान से जुड़े आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही शौचालय नहीं है तो
फिर गांव वालों को कैसे समझाया जाए।

जयपुरDec 11, 2015 / 07:09 am

firoz shaifi

साहब! सरकार हमसे बार-बार कह रही है कि गांवों में शोचालय बनवाओं लोगों को जागृत करो इस अभियान से जुड़े आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही शौचालय नहीं है तो फिर गांव वालों को कैसे समझाया जाए।

फिर भी इनको मानदेय का भुगतान विभाग कर रहा है। यह मामला गुरुवार को प्रधान अजीत सिंह माथनी की अध्यक्षता में हुई बारां पंचायत समिति की बैठक में माथनी सरपंच ने स्वच्छ भारत एवं खुले में शौच मुक्त गांव की चर्चा के दौरान यह उठाया।

जैसे ही पंचायत समिति की बैठक में स्वच्छ भारत अभियान एवं खुले में शौच मुक्त गांव का मुद्दा शुरू हुआ तो विकास अधिकारी दिलीप सिंह ने कहा कि गांवों में शौचालयों के निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित करें।

इस पर माथना सरपंच शंकर मीणा ने कहा कि यहां पर लोगों को क्या समझाया जाए जिन्हें इस अभियान की जिम्मेदारी दे रखी है उन्होंने ही अपने यहां शौचालय नहीं बना रखे है।

माथना पंचायत में पांच आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे संचालित हो रहे हैं जहां पर शौचालय नहीं है। इसके बाद भी महिला एवं बाल विकास विभाग सरकार के आदेशों की अवहेलना करके उन्हें मानदेय का भुगतान कर रहा है।

उन्होंने बताया कि इसमें तीन आंगनबाड़ी केन्द्र माथना एवं दो आंगनबाड़ी केन्द्र माथनी में संचालित हो रहे है।

इस पर विकास अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक से पूछा तो उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इस सम्बन्ध में शपथपत्र दे रखा है और उसी को मानते हुए विभाग भुगतान कर रहा है। इस पद उनका अगला भुगतान रोके जाने की निर्देश भी बैठक में दिए गए।

बैठक में महात्मा गांधी नरेगा कार्य योजना 2016-17 के लिए 18 हजार 97 लाख के कार्यों के प्रस्ताव, सदन के सामने प्रस्तुत किए। वहीं जलग्रहण के कार्यों का भी अनुमोदन किया गया।

उठा पेयजल का मुद्दा
बैठक में जैसे ही पेयजल का मुद्दा आया तो सभी सदस्यों और सरपंचों ने अपने-अपने क्षेत्र में भूजल स्तर नीचे जाने और लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध नहीं होने की बात कही।

पंचायत समिति सदस्या ने तो कलमंडा में बिछाई गई पाइपलाइन में घटिया पाइपों के इस्तेमाल का आरोप भी लगाया। सदस्यों ने कहा कि नियमानुसार हैण्डपम्प मिस्त्रीयों का भुगतान सरपंच की अनुशंषा के बाद होना चाहिए लेकिन पंचायत समिति से बिना उनकी अनुशंषा के ही भुगतान किया जा रहा है।

 इस पर पीएचईडी के अभियंता ने कहा कि कई जगह खेतों में नलकूपों का संचालन शुरू होने से हैण्डपम्पों का जल स्तर नीचे चला गया इसलिए सरपंच अपने-अपने क्षेत्र में हैण्डपम्प मिस्त्री से हैण्डपम्प के पाइप निकलवाकर कितने पाइप और डालने है इसकी रिपोर्ट भेजें तो विभाग पाइप उपलब्ध करा देगा।

 बैठक की कार्यवाही रिपोट नहीं मिल रही
बैठक के दौरान पंचायत प्रसार अधिकारी ने जब गत बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट को पढ़कर सुनाया तो सरपंच शंकर मीणा ने कहा कि इसमें कुछ बिन्दु हमारे भी थे जो शामिल नहीं किए गए। इस पर विकास अधिकारी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि वह आपका निजी मामला है और उसे प्रोसेडिंग में शामिल नहीं किया जा सकता है।

 इस पर उन्होंने प्रोसेडिंग की काऊपी नहीं मिलने की बात कही तो जबाव मिला की डाक से भिजवा दी गई है। तो सरपंच ने कहा कि पंचायत समिति की डाक तो महिनों में भी नहीं मिलती है।

ई मित्र वाले कर रहे है धांधली
भामाशाह एवं आधार कार्ड, राशन कार्ड के नाम पर ईमित्र सेन्टरों पर मनमानी वसूली का आरोप भी सदस्यों एवं सरपंचों ने लगाया। जिस पर सहमती जताते हुए विकास अधिकारी ने कहा कि अगर कहीं धांधली चल रही है तो पंचायत लिखकर दे उसे बदल देंगे।

पंचायत समिति बारां में 26 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में 19 पर ही ईमित्र केन्द्रों का संचालन हो रहा है। सात में तो इनका संचालन भी शुरू नहीं हुआ है।

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