इस स्कूल में वर्षों से पदस्थ प्रधानपाठक शिक्षक अमर सिंह उइके एवं मुनेश गेडाम की कार्यशैली से अभिभावक नाराज रहे हैं। अभिभावकों ने लिखित शिकायत कर कहा था कि शासकीय प्राथमिक शाला दमझिर में पढ़ रहे 10 बच्चों को पढ़ाने में शिक्षक रूचि नहीं लेते, पूरे समय मोबाइल देखते हैं। स्कूल की सफाई और कुआं से पानी भरवाते हैं। मध्यान्ह भोजन नहीं बन रहा है, बच्चों को घर से खाना लाना पड़ता है। लगातार शिक्षकों की मनमानी से अभिभावक इस कदर नाराज हुए कि 30 सितम्बर को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, बीआरसीसी को शिकायती पत्र देकर बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था। उनकी मांग थी कि जब तक दोनों शिक्षक स्कूल से नहीं हटाए जाएंगे, तब तक कोई भी बच्चा स्कूल नहीं लौटेगा।
कराई जांच, शिक्षक पाए गए दोषी
सहायक आयुक्त ने शिक्षकों के विरूद्ध शिकायत मिलने व बच्चों के स्कूल नहीं जाने के मामले में बीआरसीसी कुरई पीडी नाग को जांच के आदेश दिए थे। बीआरसीसी ने मौके पर पहुंचकर अभिभावक व शिक्षकों के बयान लिए व शिकायत की विंदुबार जांच की। जांच में पाया कि शिक्षकों ने अनियमितता और मनमानी की है। जुलाई 2024 से स्कूल में मध्यान्ह भोजन नहीं बनवाया गया। कुएं से बच्चों से पानी भरवाया गया। जोखिम भरे काम कराए गए। पढ़ाने में रूचि न लेते हुए मोबाइल में व्यस्त रहना पाया गया। बीआरसीसी ने यह जांच प्रतिवेदन सहायक आयुक्त को सौंपा। इस पर दोनों शिक्षकों को नोटिस जारी कर लिखित जवाब मांगा गया।
शिक्षक नहीं दे सके संतोषजनक जवाब
विभाग ने जब शिक्षकों से उनके कार्य में लापरवाही बरतने के मामले में नोटिस देकर जवाब मांगा, तो दोनों शिक्षक संतोषजनक जवाब भी नहीं दे सके। तब सहायक आयुक्त ने प्रधानपाठक अमरसिंह उइके प्राथमिक शिक्षक एवं मुनेश गेडाम प्राथमिक शिक्षक के विरूद्ध सिविल सेवा आचरण नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।
जल्द आएंगे नए शिक्षक, लौटेंगे बच्चे
बीआरसीसी पीडी नाग ने बताया कि सहायक आयुक्त कार्यालय से दमझिर स्कूल के दोनों शिक्षकों का निलम्बन आदेश जारी हो चुका है। आदेश के विषय में सम्बंधित शिक्षकों, अभिभावकों को सूचना दे दी गई है। विभागीय कार्यालय से जल्द ही उक्त शाला के लिए नए शिक्षकों को कार्य आदेश जारी किए जाएंगे।
इनका कहना है –
अभिभावक शिक्षकों को हटवाने पर अड़े थे, उनको समझाने और शिक्षकों को सामंजस्य बनाकर काम कराने का भी काफी प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नहीं मान रहे थे। तब सहायक आयुक्त ने दोषी पाते हुए शिक्षकों को निलंबित किया है, जल्द दूसरे शिक्षकों को वहां पढ़ाने भेजा जाएगा।
पीडी नाग, बीआरसीसी सिवनी
अभिभावक शिक्षकों को हटवाने पर अड़े थे, उनको समझाने और शिक्षकों को सामंजस्य बनाकर काम कराने का भी काफी प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नहीं मान रहे थे। तब सहायक आयुक्त ने दोषी पाते हुए शिक्षकों को निलंबित किया है, जल्द दूसरे शिक्षकों को वहां पढ़ाने भेजा जाएगा।
पीडी नाग, बीआरसीसी सिवनी
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अभिभावक दोनों शिक्षकों की कार्यशैली से बेहद नाराज थे। उनकी मांग के विषय में सहायक आयुक्त को भी अवगत कराया था। स्थापना शाखा से उक्त विषय में निलम्बन आदेश जारी हुआ है। अनियमितता के सम्बंध में भी जांच जारी है।
एमके बघेल, डीपीसी सिवनी
अभिभावक दोनों शिक्षकों की कार्यशैली से बेहद नाराज थे। उनकी मांग के विषय में सहायक आयुक्त को भी अवगत कराया था। स्थापना शाखा से उक्त विषय में निलम्बन आदेश जारी हुआ है। अनियमितता के सम्बंध में भी जांच जारी है।
एमके बघेल, डीपीसी सिवनी