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चार माह बाद योग निद्रा से जागेंगे जगत के पालनहार, शुरु होंगे मांगलिक कार्य

शादियों का सीजन होगा शुरु, बाजार भी होगा गुलजार

सिवनीNov 10, 2024 / 11:53 am

ashish mishra

सिवनी. चार माह बाद 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे। इसी के साथ ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य शुरु हो जाएंगे। बाजारों में एक बार फिर से चहलकदमी बढ़ जाएगी। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ काम के लिए देवी देवताओं का आशीर्वाद जरूरी होता है। लेकिन हर साल 4 महीने वृंदा को दिए वरदान के कारण त्रिदेवों में से एक जगत पालक भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं और चार माह बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है। इस वर्ष 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। देवउठनी एकादशी तिथि से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य शुरु हो जाएंगे। धार्मिक मत है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो देवउठनी एकादशी पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। देवोत्थान एकादशी पर चार महीने से बंद मुंडन, उपनयन संस्कार, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश, शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन गन्ने की पूजा की जाती है और गन्ने का पहली बार विधि-विधान से सेवन भी शुरू किया जाता है। इस दिन लोग ग्यारस का व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि इससे घर में सुख समृद्धि आती है।
देउ उठनी एकादशी पर 6 शुभ योग
साल 2024 की देव उठनी एकादशी बेहद खास है। इस साल 6 शुभ योग बन रहे हैं। पंडितों के अनुसार इन शुभ योग में काम शुरू करने से सफलता मिलने की संभावना है। इन कामों में कोई बाधा नहीं आती है। इस बार देवउठनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, हर्षण योग, अमृत योग, सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 12 नवंबर की सुबह 7 बजकर 52 बजे से लेकर अगले दिन 5 बजकर 40 बजे तक रहेगा। रवि योग सुबह के 6 बजकर 40 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह के 7 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। हर्षण योग एकादशी के दिन शाम के 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
अमृत योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं। यह योग 13 नवंबर को सुबह तक है। सिद्धि योग में आप कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको उसमें सफलता मिलती है। यह योग 13 नवंबर की सुबह 5.40 बजे तक है।
शादियों का सीजन हो जाएगा शुरु
हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार माना गया है। विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा, अनुष्ठान, विवाह, शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य ही किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य हमेशा सफल और मंगलकारी साबित होता है। भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर को जाएंगे और फिर से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। इस दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह करने के साथ विवाह फिर से शुरू हो जाएंगे।
विवाह मुहूर्त 2024
12 नवंबर 2024 को देवोत्थान एकादशी के साथ विवाह और शादी के संस्कार आंरभ हो जाएंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार नवंबर में विवाह के लिए कई मुहूर्त हैं। नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। इन मुहूर्तों में विवाह संपन्न किए जा सकते हैं। दिसंबर माह में विवाह का विशेष मुहूर्त 04, 05, 09, 10 और 14 दिसंबर को है।

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