देउ उठनी एकादशी पर 6 शुभ योग
साल 2024 की देव उठनी एकादशी बेहद खास है। इस साल 6 शुभ योग बन रहे हैं। पंडितों के अनुसार इन शुभ योग में काम शुरू करने से सफलता मिलने की संभावना है। इन कामों में कोई बाधा नहीं आती है। इस बार देवउठनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, हर्षण योग, अमृत योग, सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 12 नवंबर की सुबह 7 बजकर 52 बजे से लेकर अगले दिन 5 बजकर 40 बजे तक रहेगा। रवि योग सुबह के 6 बजकर 40 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह के 7 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। हर्षण योग एकादशी के दिन शाम के 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
अमृत योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं। यह योग 13 नवंबर को सुबह तक है। सिद्धि योग में आप कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको उसमें सफलता मिलती है। यह योग 13 नवंबर की सुबह 5.40 बजे तक है।
साल 2024 की देव उठनी एकादशी बेहद खास है। इस साल 6 शुभ योग बन रहे हैं। पंडितों के अनुसार इन शुभ योग में काम शुरू करने से सफलता मिलने की संभावना है। इन कामों में कोई बाधा नहीं आती है। इस बार देवउठनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, हर्षण योग, अमृत योग, सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 12 नवंबर की सुबह 7 बजकर 52 बजे से लेकर अगले दिन 5 बजकर 40 बजे तक रहेगा। रवि योग सुबह के 6 बजकर 40 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह के 7 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। हर्षण योग एकादशी के दिन शाम के 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
अमृत योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं। यह योग 13 नवंबर को सुबह तक है। सिद्धि योग में आप कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको उसमें सफलता मिलती है। यह योग 13 नवंबर की सुबह 5.40 बजे तक है।
शादियों का सीजन हो जाएगा शुरु
हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार माना गया है। विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा, अनुष्ठान, विवाह, शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य ही किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य हमेशा सफल और मंगलकारी साबित होता है। भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर को जाएंगे और फिर से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। इस दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह करने के साथ विवाह फिर से शुरू हो जाएंगे।
हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह एक प्रमुख संस्कार माना गया है। विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत ही खास महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा, अनुष्ठान, विवाह, शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य ही किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य हमेशा सफल और मंगलकारी साबित होता है। भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर को जाएंगे और फिर से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। इस दिन तुलसी-शालीग्राम विवाह करने के साथ विवाह फिर से शुरू हो जाएंगे।
विवाह मुहूर्त 2024
12 नवंबर 2024 को देवोत्थान एकादशी के साथ विवाह और शादी के संस्कार आंरभ हो जाएंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार नवंबर में विवाह के लिए कई मुहूर्त हैं। नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। इन मुहूर्तों में विवाह संपन्न किए जा सकते हैं। दिसंबर माह में विवाह का विशेष मुहूर्त 04, 05, 09, 10 और 14 दिसंबर को है।
12 नवंबर 2024 को देवोत्थान एकादशी के साथ विवाह और शादी के संस्कार आंरभ हो जाएंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार नवंबर में विवाह के लिए कई मुहूर्त हैं। नवंबर में 12 तारीख के बाद कुल 11 विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। इन मुहूर्तों में विवाह संपन्न किए जा सकते हैं। दिसंबर माह में विवाह का विशेष मुहूर्त 04, 05, 09, 10 और 14 दिसंबर को है।