विवेकानंद वार्ड के कटंगी रोड निवासी मनोज यादव की 21 वर्षीय पुत्री विशाखा यादव उक्त कॉलेज में करीब पांच माह पूर्व दाखिला लिया था। परिजनों के अनुसार व डेढ़ माह से जिला अस्पताल में प्रशिक्षण के लिए जा रही थी। प्रतिदिन की तरह वह गुरुवार को भी अस्पताल में गई थी। उसकी ड्यूटी सर्जिकल वार्ड में लगी थी। वार्ड के पास मौजूद लोगों की माने तो विशाखा मोबाइल पर सुबह करीब 11 बजे बालकनी में किसी से बात कर रही थी। बात करते समय वह बालकनी से लगे रेलिंग के पास टिककर खड़ी हुई और अचानक गिर गई। सिर के बल गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। चिकित्सकों ने उपचार के लिए उसे अस्पताल में भर्ती किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतका के पिता व परिजनों ने पुत्री की मौत पर सवाल खड़े किए है। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने बालकनी में रेलिंग के तरफ जाली क्यों नहीं लगवाई थी? सीसीटीवी कैमरे नहीं चल रहे है। कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरी पुत्री को किसी ने धक्का देकर गिरा दिया हो। इसकी जांच होनी चाहिए। परिजनों ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को इससे संबंधित ज्ञापन देकर जांच कराए जाने की मांग की है।
उक्त हादसे के बाद जिला अस्पताल में प्रशिक्षण लेने पहुंची दूसरी छात्राओं को शुक्रवार से प्रशिक्षण के लिए आने से मना कर दिया गया है। एक छात्रा ने बताया कि कॉलेज से एक सर आए थे। उन्होंने हमलोगों को आने से मना किया है। एक छात्रा की हादसे में हुई मौत से हम दूसरी छात्राओं का कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अब हमलोगों को भी आने से मना किया जा रहा है। इससे हमारे भविष्य का क्यों होगा?
प्रशिक्षण के लिए आने वाले एक छात्रा की बालकनी से गिरकर मौत हुई है। चिकित्सकों की एक टीम हादसे के बाद उसके उपचार में जुटी रही, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
– डॉ. वीके नॉवकर, सिविल सर्जन जिला अस्पताल सिवनी