निर्विरोध हो गए चुनाव
नगर पालिका चुनाव के वोट 17 जनवरी को वोटिंग होना है, लेकिन भाजपा प्रत्याशी की निर्विरोध जीत पर भाजपा और कांग्रेस में तनातनी बढ़ गई है। इसके अलावा क्षेत्र में भाजपा के 24 में से 11 पार्षदों का भी निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है। इधर, कांग्रेस ने भाजपा और यादव परिवार पर डरा-धमकाने का आरोप लगाया है।
सेंधवा नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए पहले 7 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। जैसे ही बाहुबली संजय यादव की मां बसंती यादव ने पर्चा भरा, एक-एक करके 6 प्रतिद्वंदियों ने अपने पर्चे वापस लेना शुरू कर दिया।
सेंधवा में तेजी से बदले इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। दस माह पहले भाजपा में शामिल हुए क्षेत्र के बाहुबली नेता संजय यादव पहले कांग्रेस के पार्ष्द थे। उन्हें 20 फरवरी को प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने भाजपा की शपथ दिलाई थी। संजय के साथ ही उनके पिता विष्णु प्रसाद यादव और भाई जितेंद्र यादव ने भी भाजपा ज्वाइन की थी। इस कार्यक्रम में सांसद सुभाष पटेल और मंत्री अंतर सिंह आर्य भी थे। प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने उस समय कहा था कि यादव परिवार के भाजपा में शामिल होने से पार्टी मजबूत होगी।
इधर, सेंधवा नगर पालिका में कांग्रेस पार्टी की शर्मनाक हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि बड़वानी जिला यादव के प्रभाव वाला जिला है और अरुण यादव मुख्यमंत्री कैंडिडेट बने की जुगाड़ में है। जबकि कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया गया, जो संजय यादव की दहशत में थे।
-सेंधवा और आसपास के क्षेत्र में यादव परिवार की काफी दहशत है। संजय यादव के खिलाफ गोपाल जोशी के चचेरे भाई नितिन जोशी की हत्या के षडयंत्र का प्रकरण दर्ज है। इसी रंजिश के कारण कोर्ट में बड़ा गोलीकांड हुआ था। कोर्ट गोलीकांड में यादव धारा 120 बी का आरोपी है और फरार है।
सेंधवा की एडीजे कोर्ट में 12 अक्टूबर 2017 को पेशी चल रही थी। इसी बीच गोपाल जोशी पिता कैलाशचंद्र जोशी को एक युवक ने जज के सामने ही गोली मार दी थी। गोपाल को इंदौर जेल से पेशी पर सेंधवा लाया गया था। इस मामले में संजय पर आरोप हैं। संजय 2008 में हुए संजय झंवर की हत्या मामले में भी आरोपी है। फिलहाल संजय के खिलाफ तीन प्रकरण चल रहे हैं।
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए इस बाहुबली नेता का फेंस क्लब भी सक्रिय है। फेसबुक पर यादव फेन्स क्लब नाम का यह पेज रोज अपडेट होता है और इसमें संजय यादव और जितेंद्र यादव की तारीफों के पुल बांधे जाते हैं। बताया जाता है कि संजय यादव की पुलिस विभाग में भी पैठ होने के कारण वह फरारी के बावजूद शहर में रहता है लेकिन कोर्ट में पेश नहीं हो रहा है।
इधर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुखलाल परमार ने आरोप लगाया है कि याद परिवार और भाजपा के दबाव में हमारे प्रत्याशियों ने मैदान छोड़ा है। पहले साधना राजपाल को टिकट दिया था, बाद में उनके बेटे को डरा-धमकाकर नाम वापस करवा लिया। नीलम शर्मा को हमने टिकट दिया, तो उन्होंने भी डरकर हाथ खींच लिए।
भाजपा के जिला अध्यक्ष ओम खंडेलवाल का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशियों को धमकाया गया है तो शिकायत करना चाहिए थी। संजय यादव को प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान भाजपा में लेकर आए थे। उस समय नहीं पता था कि उन पर कोई प्रकरण दर्ज हैं। कांग्रेस प्रत्याशियों ने स्वेच्छा से नाम वापस लिए हैं। कांग्रेस क्षेत्र में कमजोर हो गई है।
इधर, सेंधवा थाने के थाना प्रभारी जगदीश पाटीदार का कहना है कि कोर्ट गोलीकांड मामले में हत्या का षडयंत्र में आरोपी संजय यादव फरार घोषित हैं। यादव पर 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह निगरानीशुदा बदमाशों की लिस्ट में भी शामिल है।