पूरे क्षेत्र में इस हत्याकांड के न्यायिक निर्णय को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है। मनोज ठाकरे के परिवार और आरोपियों के परिवार को निर्णय का इंतजार है। 20 जनवरी 2019 को बलवाड़ी में हुए इस हत्याकांड के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में तूफान मच गया था। हत्याकांड की जानकारी मिलने के बाद भाजपा नेताओं द्वारा मनोज ठाकरे की हत्या करवाने के आरोप लगे थे, लेकिन पुलिस की सूक्ष्म जांच के बाद भाजपा के ही कद्दावर नेता पूर्व भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ताराचंद राठौड़ और पुत्र दिग्विजय सहित अन्य आरोपियों पर हत्याकांड का केस दर्ज किया गया था।
पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन द्वारा पूरे मामले का खुलासा किया गया था। हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए तब के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी बलवाड़ी पहुंचे थे और हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए थे।
मनोज जता चुके थे हत्या की आशंका: हत्याकांड के बाद इस बात की भी चर्चा हुई थी कि मनोज ठाकरे को अपनी हत्या की आशंका थी। मनोज ने हत्याकांड के करीब 15 दिन पहले जलगांव में रहने वाले जीजा डॉ. संजीव सूर्यवंशी से इस संबंध में चर्चा की थी और आशंका जताई थी कि कुछ लोग उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। इसको लेकर परिजन ने मनोज को अकेले घर से घूमने के लिए भी मना करा था। जिस दिन ठाकरे की हत्या हुई थी वह रविवार का दिन था। हत्यारों ने रविवार का दिन इसलिए चुना क्योंकि लोगों की आवाजाही नहीं होती है।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ताराचंद राठौड़ और पुत्र दिग्विजय राठौड़ पर ही लगे थे हत्या के आरोप— मनोज ठाकरे हत्याकांड के बाद भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ताराचंद राठौड़ और पुत्र दिग्विजय राठौड़ सहित अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक यांगचेन भूटिया के नेतृत्व में ताराचंद राठौर विजय राठौड़ सहित 7 आरोपियों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस घटना में धवली के ताराचंद राठौड, उसका लड़का विजय राठौड़ सहित महाराष्ट्र के चैपड़ा निवासी झगड़िया पावरा, अनिल डावर, जीतू डावर, नानू बंजारा, खरगोन जिले के ग्राम ऊन निवासी दिलीप, दवलिया नान्सया, रेमु, रवि को हत्याकांड में शामिल बताया था।
20 जनवरी 2019 को मॉर्निंग वॉक के दौरान हुई थी ठाकरे की हत्या
20 जनवरी 2019 की सुबह बलवाड़ी क्षेत्र में भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे का शव बलवाड़ी सेंधवा रोड पर घर से करीब एक किमी दूर खेत में मिला था। वह प्रतिदिन सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाते थे। इसी का फायदा उठाते हुए हत्यारों ने मनोज ठाकरे की हत्या सिर पर पत्थर से वार कर दी थी। सुबह करीब 6.30 बजे राहगीरों ने ठाकरे का शव सड़क के किनारे पड़ा होने की सूचना दी जिसके बाद स्थानीय भाजपा नेता और लोग घटनास्थल पहुंचे थे। पुलिस को घटनास्थल पर एक खून से सना पत्थर भी मिला था। मनोज ठाकरे की हत्या के बाद जिले सहित प्रदेश की राजनीति में बवाल मच गया था। हत्याकांड के पहले मनोज ठाकरे पिछले 20 वर्षों से भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहे थे।