सीहोर

एमपी के नए टाइगर रिजर्व में शामिल होंगे इन 3 जिलों के 15 गांव

Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के करीब 15 गांवों का जंगल टाइगर रिजर्व के बफर और कोर क्षेत्र में लिया गया है।

सीहोरDec 04, 2024 / 03:36 pm

Astha Awasthi

Tiger Reserve

Tiger Reserve: सरकार ने रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बना दिया है। टाइगर रिजर्व से सीहोर जिले की तीन वन रेंज प्रभावित हो रही हैं। बुदनी, वीरपुर और रेहटी रेंज के करीब 15 गांवों का जंगल टाइगर रिजर्व के बफर और कोर क्षेत्र में लिया गया है। भोपाल, सीहोर और रायसेन जिले की सीमा में बने टाइगर रिजर्व का पर्यटन की दृष्टि से सबसे ज्यादा लाभ सीहोर जिले को मिलेगा।
सीहोर जिले का जो क्षेत्र टाइगर रिजर्व में लिया गया है, वहीं सलकनपुर में 240 करोड़ रुपए की लागत से मां विजयासन देवी लोक का निर्माण कार्य चल रहा है, जाहिर है जो भी पर्यटक टाइगर रिजर्व घूमने आएंगे, वह देवी लोक देखने भी पहुंचेगे, जिससे न केवल बुदनी क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि डेवलपमेंट भी तेजी से होगा। सबसे ज्यादा लाभ होटल इंडस्ट्री को मिलेगा। नर्मदा तटीय क्षेत्र में कई नए होटल और रिसोर्ट बनेंगे।

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माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित

सीहोर जिले की तीन रेंज का 135.03 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कोर जोन और 218.722 वर्ग किलोमीटर बफर जोन में लिया गया है। बुदनी रेंज के अमरगढ़, खटपुरा, बांसापुर, मिडघाट, यारनगर, खनपुरा, रेहटी रेंज के सेमरी, बांया और सलकनपुर व वीरपुर रेंज के खटौरिया, चिकनपानी गांव टाइगर रिजर्व में लिए गए हैं। टाइगर रिजर्व से न केवल इन गांव की कृषि भूमि की कीमत में इजाफा होगा, बल्कि पर्यटक गतिविधियां बढऩे से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
रातापानी अभ्यारण्य मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व है। इससे पहले रविवार को केंद्र सरकार ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित किया था। दो दिन में मध्य प्रदेश को दो नए टाइगर रिजर्व की सौगात मिली है। रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर होगा, जबकि बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर होगा।

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पर्यटक बढ़ने से मिलेगा रोजगार

रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से टाइगर रिजर्व का सम्पूर्ण कोर क्षेत्र रातापानी टाइगर अभयारण्य की सीमा के भीतर है। ग्रामीणों को पर्यटन से नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। ईको टूरिज्म के जरिए भी फायदा होगा। सीहोर की तरफ पर्यटकों का रूझान ज्यादा रहेगा। यहां पर मां नर्मदा के साथ इसी क्षेत्र में सलकनपुर मां विजयासन धाम में देवी लोक भी देखने को मिलेगा। टाइगर रिजर्व बनने से रातापानी के साथ सीहोर जिले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
बुदनी, रेहटी और वीरपुर डैम क्षेत्र की पूरी आबादी रोजगार के लिए कृषि पर आधारित है। क्षेत्र का औद्योगिक विकास नहीं होने को लेकर युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं। टाइगर रिजर्व से युवाओं को स्थानीय स्तर पर काम करने का मौका मिलेगा।

ये करेंगे पर्यटकों को आकर्षित

-सलकनपुर में 240 करोड़ की लागत से देवी लोक का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां पर पर्यटक टाइगर के साथ देवी के नौ रूप और 64 योगिनी के दर्शन कर सकेंगे। आधुनिक रोपवे, चौसठ योगिनी प्लाजा और नवदुर्गा कॉरिडोर पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।
-मां नर्मदा के आवंली घाट पर मेला लगता है, यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। टाइगर रिजर्व बनने से यहां पर भी पर्यटक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र की जनता को लाभ होगा।
-बारिश के सीजन में अगरगढ़ का झरना काफी सुंदर लगता है। यहां भी दूर-दूर से पर्यटक मौज-मस्ती के लिए आते हैं। बारिश के बाद टाइगर रिजर्व घूमने आने वाले पर्यटक अगरगढ़ झरना देखने के लिए भी आकर्षित होंगे।
रातापानी के टाइगर रिजर्व बनने से सीहोर जिले को काफी लाभ होगा। सीहोर जिले की बुदनी, रेहटी और वीरपुर डैम रेंज इससे प्रभावित हो रही हैं। इस क्षेत्र के करीब 15 गांवों का जंगल सीधे प्रभावित हो रहे हैं।- एमएस डावर, डीएफओ सीहोर

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