आष्टा पीएचइ विभाग में जरूरत का एक तिहाई स्टॉफ भी नहीं है। इससे नलजल योजना, हैंडपंप सुधार सहित अन्य कार्य समय पर नहीं होने से लोगों को दिक्कत होती है। पीएचइ अफसरों ने उच्च स्तर पर रिक्त पदों पर भर्ती कर अमला बढ़ाने मांग की, लेकिन भर्ती दूर कोई जवाब ही नहीं आया है। इससे विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हंै। जानकारी के अनुसार आष्टा विकासखंड में २८२ गांव पीएचइ से जुड़े हैं। एरिया बड़ा होने के बावजूद विभाग में स्टॉफ न के बराबर है। पीएचइ अधिकारियों के अनुसार मैकेनिक, टाइम कीपर, एसडीसी (सीनियर डिवीजन क्लर्क) सहित अन्य को मिलाकर ६७ स्टॉफ की मौजूदा समय में जरूरत है, लेकिन सिर्फ १३ का ही स्टॉफ है।
रहती है एक बड़ी चुनौती
विकासखंड में पीएचइ के २२८० हैंडपंप व ६४ नलजल योजना है। ऐसे में नलजल योजना और हैंडपंप किसी वजह से बंद हुए तो उन्हेंं समय पर चालू करना विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती रहता है। हालांकि विभाग की पूरी कोशिश रहती है कि आमजन को किसी तरह की समस्या नहीं हो, इसके लिए अमले को समय पर भेजकर सुधार कार्य कराया जाता है। फिर भी कही न कही स्टॉफ के अभाव से समस्या का सामना करना ही पड़ता है।
१६ लाख की लागत से बनी है लैब
आष्टा पीएचइ परिसर के अंदर नया लैब भवन बनाया है। यह भवन १६ लाख रुपए की लागत से बना है। बताया जा रहा है कि भवन बनने के बाद लैब चालू करने की प्रक्रिया चल रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही चालू होगी। इसके बाद लोगों को पानी की जांच कराने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। आसानी से आष्टा लैब में ही जांच होगी। बता दे कि अभी लोगों को पानी की जांच कराने सीहोर,भोपाल तक जाना पड़ता है। इससे उनका समय बर्बाद होता ही साथ में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वर्जन…
पीएचइ में स्टॉफ कम होने से समस्या आती है। फिर भी हमारी पूरी कोशिश रहती है कि जितना स्टॉफ है उससे ही सभी कार्य समय पर हो। हमारी तरफ से स्टॉफ बढ़ाने उच्च स्तर पर मांग की गई है।
पीआर टाटसकर, एसडीओ पीएचइ आष्टा