जानकारी के अनुसार जिले में अतिवृष्टि और अफलन के कारण लगातार फसल खराब होने की शिकायत आ रही है। शिकायतों के आधार पर जिला प्रशासन ने पूरे जिले में फसल का सर्वे का काम शुरु कराया है। अभी तक करीब सौ गांव का सर्वे हो चुका है। सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया है कि सोयाबीन की फसल में कीटव्याधी, अफलन और अतिवृष्टि के कारण दो से चार प्रतिशत और कहीं कहीं दस से बीस प्रतिशत नुकसान हुआ है। इस नुकसान का सही आंकलन सोयाबीन का उत्पादन सामने आने के बाद हो सकेगा। जिला प्रशासन का प्रयास है कि किसान अधिक से अधिक बीमा क्लेम के लिए दावे करें, जिससे कि उत्पादन का सही आंकलन होने के बाद लाभ मिल सके।
सर्वे के भरोसे नहीं रहे किसान, खुद करें दावा पेश
सीहोर जिले की अधिकांश तहसीलों के अतिवृष्टि और अफलन के कारण सोयाबीन फसल खराब हुई है। किसान खराब फसल के सर्वे के लिए राजस्व विभाग के अफसरों को सूचना देने के साथ बीमा कंपनी के कॉल सेंटर पर शिकायत दर्ज कराएं और फसल बीमा क्लेम दावा फार्म कृषि विभाग के अफसरों से प्राप्त कर पेश करें। सर्वे टीम के भरोसे रहने के बजाए किसानों के लिए ज्यादा अच्छा है कि किसान खुद आगे आकर सर्वे कराएं। कई बार सर्वे टीम के मौके पर नहीं पहुंचने के कारण स्थिति का सही आंकलन नहीं हो पाता है।
करीब 15 दिन और चलेगा सर्वे का काम
राजस्व और बीमा कंपनी की संयुक्त टीम शिकायत मिलने पर गांव-गांव पहुंचकर खराब फसल का सर्वे कर रही है। यह सर्वे का काम श्यामपुर और सीहोर विकासखंड में लगभग पूरा हो चुका है। आष्टा क्षेत्र में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। बीमा कंपनी अफसरों का कहना है कि करीब 15 दिन में बीमा का काम पूरा कर लिया जाएगा।
कहां कितने हेक्टेयर की फसल खराब
विकासखंड अतिवृष्टि कीटव्याधि/अफलन
सीहोर 2360 1440
आष्टा 1200 1700
इछावर 700 200
बुदनी 00 30
नसरुल्लागंज 95 475
(नोट- प्रभावित से प्रभावित फसल का रकवा हेक्टेयर में)
वर्जन….
– अतिवृष्टि और अफलन से जो फसल खराब हुई है, उसका सर्वे चल रहा है। फसल कितनी प्रभावित हुई है इसका आंकलन उत्पादन सामने आने के बाद हो पाएगा, अभी नुकसान का आंकलन नहीं हो सकता है। हमारा प्रयास है ज्यादा से ज्यादा किसानों को फसल बीमा का लाभ मिले।
अजय गुप्ता, कलेक्टर सीहोर