शास्त्र और शस्त्र का साथ बनाकर चलें- प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा कि राजस्थान की धरती पर खड़ा होकर एक विर्धर्मी कहता है कि हमने हमारे युवाओं को रोक रखा है। उस विधर्मी को मालूम नहीं है कि यहां जितने कथाकार बैठे हैं। उनकी कथा में करोड़ों लोग इक्काट्ठे होते हैं। एक आवाज लगाने की जरूरत है। सब जयपुर और उज्जैन जहां जाना है। वहां पहुंच जाएंगे। पर उसे कुछ समझ नहीं आता। कहने वाला मंच से कह देता है। हमने रोक रखा है। वो तो हम संविधान का सम्मान करते हैं। हम संविधान को आगे लेकर चलते हैं। हम संविधान को मान देते है। इसलिए जरा विचार करके चलते हैं।
मेरा सभी सनातनियों बंधु से निवेदन। हमारे देवता बिना शस्त्र के नहीं रहते। आप हमारे शास्त्र और शस्त्र का साथ बनाकर चले। बता दें कि, इससे पहले धर्म संसद देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में 25 फरवरी को दिल्ली और दूसरी धर्म संसद 23 जून को ऋषिकेश में आयोजित हुई थी। इस दौरान शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म, हिंदू धर्म के प्रतिनिष्ठा नहीं होगी, तब तक बोर्ड के गठन की सफलता नहीं मिलेगी। यदि हम एक हो जाते हैं, संगठित हो जाते हैं तो कोई भी हमें अलग नहीं कर सकता है और कोई आंख भी नहीं दिखा सकता।