जनभागीदारी से जुटाए चार करोड़
इन शिक्षकों ने लक्ष्य तय किया था कि एक पखवाड़े में ही वह स्कलों की सामान्य कक्षाओं को स्मार्ट कक्षाओं की सूरत में बदल देंगे। बस इसके लिए उन्होंने जनभागीदारी से रुपए जुटाना शुरू कर दिया। इस जनभागीदारी से उन्होंने कुल चार करोड़ रुपए जुटाए। अब स्थिति यह है कि जिले के 1552 स्कूलों में इन शिक्षकों ने स्मार्ट क्लास शुरू कर दिए। इस मामले में सीहोर मध्यप्रदेश का नंबर एक जिला बन चुका है। जहां सरकारी स्कूलों की स्थिति बेस्ट हो चली है।
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अब तक सिर्फ 18 स्मार्ट क्लासें थीं यहां
जिले में इसी साल नवंबर में शासकीय शालाओं में सिर्फ 18 स्मार्ट क्लासें थीं। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने 17 नवंबर को आयोजित कार्यशाला में शिक्षकों को जिले की शत-प्रतिशत शालाओं में स्मार्ट क्लास बनाने का लक्ष्य दिया था। इसके बाद जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों सहित अन्य लोगों से शिक्षकोंं ने चार करोड़ रुपये जुटाए और एलसीडी टीवी, शैक्षणिक चार्ट, डिश टीवी आदि से कक्षाओं को स्मार्ट क्लासों में बदल दिया।
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मुख्यमंत्री ने की तारीफ
सीहोर की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस नवाचार की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि ‘मैं स्वयं भी शिक्षकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में आऊंगा।’