सतना विधायक नारायण त्रिपाठी ने लिखा है देश प्रदेश में जहां-जहां भाजपा की सरकारें हैं, इसी आस्था और धार्मिक सरोकार की बदौतल हैं। कहीं न कहीं भाजपा सतातन की पैरोकार है, इसलिए भाजपा से लोगों का लगवा है, लेकिन सीहोर में प्रशासनिक असफलता के कारण घटित इस घटना ने सरकार की साख पर बट्टा लगाने का कार्य किया है। आगे विधायक त्रिपाठी ने लिखा है कि किसी भी धार्मिक आयोजन में कितनी संख्या में धर्मावलंबी आएंगे, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना संभव नहीं होता, लेकिन सीहोर जिला प्रशासन ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए आमजन की आस्था से खिलवाड़ किया है, जो अक्षम्य अपराध है, जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए घटना के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन पर कार्रवाई आवश्यक है। विधायकने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि सीहोर जिला प्रशासन पर अविलंब कठौर कार्रवाई की जाए, जिससेप्रदेश में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।
कैलाश विजयवर्गीय का लेटर बम…जिला प्रशासन की अकर्मण्यता
कैलाश विजयर्गीय ने पत्र में लिखा है कि 28 फरवरी को सीहोर में जो कुछ हुआ, उससे बहुत ज्यादा दु:ख हुआ है। सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से सनातनियों को आघात पहुंचा है। विजयवर्गीय ने cm shivraj singh chauhan को संबोधित करते हुए लिखा है कि बीते 17 वर्ष से आप प्रांत के मुखिया हैं। आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा। भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना पड़ता है, लेकिन कभी ऐसा सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को रोक दिया गया है। क्या सीहोर का प्रशासन इतना नकारा था कि इस आयोजन की सूचना के बावजूद व्यवस्था नहीं जुटाई जा सकी। क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाा का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं का आवाजही भी रहेगी, क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि इतना बड़ा निर्णय कर ले। भाजपा के राष्ट्रीय महासिव ने आगे लिखा है कि शिवराज जी ऐसे ही अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। यह आपकी ही दूरदर्शिता थी कि अल्प समय में ही कुंडलपुर में आयोजित पंच कल्याण महोत्सव इस सदी का अभूतपूर्व आयोजन रहा। आपके ही कार्यकाल में सिंहस्थ जैसा भव्य और दिव्य आयोजन हुआ। शिवराज जी सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के चलते आपकी छवि पर असर पड़ा है। आपको भी यह सब बताने में कष्ट और पीड़ा हो रही है। सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ट साबित होगा यह कल्पना से परे है। कैलाश विजयवर्गीय ने पत्र में आगे लिखा है कि मेरे और आप जैसे सनातनी तो शिव के अनुगामी हैं। भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे ही हम भी कर लेंगे। लेकिन शिवरात्रि के महापर्व पर देशभर से आए शिवभक्तों की क्या गलती थी? गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है। उन्होंने आगे लिखा है कि sehore प्रशासन को जाकर प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगनी चाहिए।
गृहमंत्री बोले… महाराज दंडवत हूं
रुद्राक्ष महोत्सव एवं शिवमहापुराण के स्थगित होने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले को संभालने की कोशिश की थी। पंडित प्रदीप मिश्रा की नाराजगी दूर करने के लिए गृहमंत्री ने वीडियो कॉल पर चर्चा की। कहा कि महाराज दंडवत करता हूं। सीहोर जिला प्रशासन से कोई दिक्कत हो नहीं है। यदि कोई दिक्कत हो तो बताएं, आपकी दम पर ही सरकार चल रही है। इस मामले में xcm kamal nath ने भी सरकार पर निशाना साध है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिवमहापुराण का आयोजन दबाव डालकर पहले दिन स्थगित करा दिया, क्योंकि प्रशासन श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल रहा।