दिवाली पर मनाई जाती हैं अलग-अलग प्रथाएं
राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर लसूड़िया परिहार में स्थित हनुमान जी का मंदिर है। जहां वद्धजनों के अनुसार 100 सालों से दिवाली के दूसरे दिन सांपों को अदालत लगाई जाती है। इस कोर्ट में ऐसे लोग पहुंचते हैं। जिन्हें सांप काट लेता है। इस अदालत में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
ग्राम लसूड़िया परिहार में लगभग 100 सालों से अधिक से समय से सांपों की अदालत लग रही है। जिन लोगों को साल भर में सांप काट लेते हैं। वही लोग यहां पर आते हैं। यहां पर कांडी की धुन बजाई जाती है। जिसके चलते लोग लहराने लग जाते हैं। उस दौरान पंडा की ओर से काटने का कारण पूछा जाता है। जिस सांप ने किसी कारण से व्यक्ति को काटा था। वह उसके शरीर में आकर कारण बताता है।
मान्यता है कि सांपों की अदालत में पंडा पीड़ित व्यक्ति पर आए सांप से कारण पूछते हैं। तो वह बताता है कि मैं खेत पर रहता था। मेरा घर तोड़ दिया गया, इसलिए मैंने काट लिया। इसके अलावा भी कई दूसरे काटने के कारण बताते हैं। फिर पंडा संबंधित सांप से वचन लेते हैं कि दोबारा इसे मत काटना। पीड़ित व्यक्ति के शरीर में आया सांप वचन भी देता है। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं।