सीएम शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को गृह ग्राम जैत में थे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के आवेदकों से बात करते हुए कहा कि खाओ मेरी कसम, कोई पैसा वैसा तो नहीं लेता है। दरअसल, सीएम आवेदकों से संवाद कर रहे थे। तभी एक आवेदक से नामांतरण बटवारे की जानकारी ली। बताया कि उसका काम हो गया है, तब सीएम ने कहा कि खाओ मेरी कसम, पैसा वैसा तो नहीं लगा। शिविरों का मकसद है कि सरकारी ऑफिस के नागरिकों को चक्कर नहीं लगाने पड़ें। किसी को भी कोई भेंट और एक पैसा भी नहीं देना पड़े।
मुख्यमंत्री ने बच्चों के आवेदन पर विशेष ध्यान देते हुए कलेक्टर को निर्देश दिए कि खेल मैदान विकसित करने के साथ ही नवंबर और दिसंबर में खेल प्रतियोगिताएं करवाई जाएं। नीतू साहू को अनुकंपा नियुक्ति के निर्देश संभाग आयुक्त को दिए। नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्र में सख्ती से इस कारोबार को रोकें। उन्होंने अपराध पर नियंत्रण के भी पुलिस को निर्देश दिए। सीएम स्वहायता समूह की दीदियों के कस्टम हायर सेंटर और सिलाई केंद्र सहित अन्य संचालित गतिविधियों से भी रू-ब-रू हुए। जनसेवा मंच से महिलाओं की सफलता की कहानी सुनी और सबको सुनवाई। समूह की दीदियों द्वारा बनाया गया जैकेट भी खरीदा। कस्टम हायरिंग, एकता सिलाई केंद्र की दीदी रानू तथा प्रियंका जाट ने समूह के माध्यम से 10 हजार रुपए महीने से ज्यादा आमदनी होने तथा परिवार की आर्थिक स्थिति स्थिति बेहतर होने के संबंध में अपने अनुभव सांझा किए।
यह भी पढ़ें : 1 नवंबर को 4 प्रतिशत बढ़ेगा कर्मचारियों का DA , केंद्र के समान हो जाएगा महंगाई भत्ता एक स्व सहायता समूह ने ट्रैक्टर खरीदा है। इसे गुरुवार को सीएम ने समूह को सौंपा। इस मौके पर वे ड्राइविंग सीट परभी बैठे।