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सीहोर

बड़ी खबर : सीएम के क्षेत्र बुदनी से इंदौर के बीच दौड़ेगी ट्रेन, 205 किमी लंबी रेलवे लाइन की मिली स्वीकृति

3261.82 करोड़ रुपए की लागत से डलेगी रेलवे लाइन

सीहोरSep 19, 2018 / 03:59 pm

सुनील शर्मा

rail

RPF friends preparing railway police for security information

सीहोर। बुदनी से इंदौर के बीच अब ट्रेन दौड़ लगाएगी। 3261.82 करोड़ रुपए की लागत वाली 205 किमी लंबी रेलवे लाइन की बुधवार को स्वीकृति मिल गई। मुख्यमंत्री ने बुधनी-इंदौर रेलवे लाइन की स्वीकृति देने पर ट्वीट कर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, रेल मंत्री पीयुष गोयल सहित केन्द्रीय कैबिनेट का प्रदेशवासियों की तरफ से आभार व्यक्त किया है। रेलवे लाइन परियोजना से परियोजना से निर्माण के दौरान लगभग 49.32 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा। यह परियोजना 2023-24 में पूरे होने का लक्ष्य रखा गया है।

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय आर्थिक समिति ने बुदनी से इंदौर (मांगलियागांव) के बीच 205.5 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 3261.82 करोड़ रुपए है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पिछड़े क्षेत्रों का विकास तथा इंदौर से जबलपुर के बीच यात्रा समय में कमी और इंदौर से मुम्बई तथा दक्षिण की ओर यात्रा समय में कमी लाना है।

इससे भोपाल के रास्ते वर्तमान मार्ग की तुलना में इंदौर और जबलपुर के बीच की दूरी 68 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे क्षेत्र के लोगों और उद्योगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी। इससे परियोजना क्षेत्र में रोजगार सृजन होगा। निर्माण अवधि के दौरान 49.32 लाख मानवदिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा।

प्रस्तावित लाइन बुदनी के वर्तमान यार्ड से प्रारंभ होगी और इंदौर के निकट पश्चिमी रेलवे के वर्तमान स्टेशन मांगलियागांव से जुड़ेगी। इस मार्ग पर दस नए क्रॉसिंग स्टेशन और सात नए हाल्ट स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। नई लाईन से सिहोर, देवास तथा इंदौर जिलों को लाभ होगा और बुदनी से इंदौर के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा। अभी बुदनी से बरखेड़ा घाट सेक्शन सहित भोपाल-इटारसी के भीड़ वाले मार्ग से जाना पड़ता है।
नई लाइन आस-पास के क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढ़ाचागत सुविधा प्रदान करेगी और इससे सामाजिक-आर्थिक लाभ होंगे। यह परियोजना इस क्षेत्र के पिछड़े वर्ग का विकास करने तथा नसरुल्लागंज, खातेगांव तथा कन्नौद जैसे विभिन्न शहरो, गांवों से रेल संपर्क स्थापित होगा, जहां अभी रेल संपर्क नहीं है।
पिछले दिनों हुआ था फाइनल सर्वे का काम
इंदौर-जबलपुर रेलवे लाइन बिछाने के काम का पिछले दिनों सर्वे कार्य हुआ था। सर्वे के अनुसार रेलवे लाइन बांद्राभान की पहाड़ी से होती हुई चाचमउ, हथलेवा के पास से शाहगंज की निर्माणाधीन दुर्गा विहार कॉलोनी के पास से पहाडख़ेड़ी, सूदोन होते हुए बरेली की ओर जाएगी।
दिल्ली की लायन कंसल्टेंसी एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार फाइनल सर्वेक्षण के बाद डीपीआर के अनुसार तीन सालों में लाइन बिछाने का काम पूरा कर दिया जाएगा। रेल मंत्रालय राजस्व विभाग, वन विभाग व निजी किसानों की भूमि अधिग्रहण कर रेलवे लाइन बिछाने के लिए टेंडर जारी करेगा। यह प्रदेश की सबसे बड़ी रेलवे परियोजनाओं में से एक है।
एक नजर योजना पर
दूरी 205
रोजगार 49 लाख मानव श्रम दिन
लागत 3262 करोड़
समाधान लक्ष्य 2023-24
यह होगा लाभ
इंदौर के नजदीक तीन आर्मी प्रमियर संस्थान
नई रेलवे लाइन से जबलपुर, मुंबई और दक्षिण भारत की यात्रा समय में कमी
-जबलपुर और इंदौर के बीच की दूरी में 68 किमी की दूरी कम
-सीहोर, देवास और इंदौर जिलों को मिलेगा लाभ
-इंदौर से जबलपुर मुंबई और दक्षिण भारत की यात्रा समय में कमी
-सीहोर के इन गांवों में मिलेगा लाभ नसरुल्लागंज, खातेगांव, कन्नोद

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