ये भी पढें – सुबह 8 बजे से शुरू हुई काउंटिंग, इतने बजे तक सामने होंगे उपचुनाव के नतीजे ईवीएम की सुरक्षा
चुनाव होने के बाद ईवीएम मशीन(EVM) को एक स्ट्रांग रूम(Strong Room) में कड़ी निगरानी और सुरक्षा के बीच रखा जाता है, ताकि कोई वोटों के साथ किसी भी तरह की गड़बड़ी न कर सके। मतगणना वाले दिन स्ट्रांग रूम का ताला खोलकर सभी ईवीएम को बाहर निकाला जाता है और काउंटिंग की प्रक्रिया शुरू की जाती है। वोटों की गिनती(Vote counting) पूरी होने के बाद फिर से सभी ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में अगले 45 दिनों के लिए रख दिया जाता है।
ये भी पढें -मध्य प्रदेश में ठंड का असर, कई शहरों का तापमान 10 डिग्री से कम इस वजह से किया जाता है ऐसा
जानकारी के मुताबिक, कई बार मतगणना के दौरान गड़बड़ी की आशंका होने पर फिर से आधिकारिक तौर पर मतों की काउंटिंग की जा सके। ऐसी परिस्थितियों के लिए मतगणना के बाद भी अगले 45 दिनों तक ईवीएम(EVM) को सुरक्षित स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। 45 दिनों का समय पूरा होने के बाद ईवीएम को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाता है।