उन्होंने कहा, सबसे अश्चर्यजनक तथ्य यह है कि अद्वितीय और लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक यह दुनिया की सबसे छोटी गिलहरी मेरातस पर्वत क्षेत्र में है। यह प्राजाति 16 सितम्बर को एक अभियान के दौरान मिली। इस गिलहरी की लंबाई 73 मिलीमीटर और वजन 17 ग्राम है। वैज्ञानिक ने कहा, इस प्रकार की प्रजाति बोर्नियो द्वीप पर, खासकर समुद्र तट से लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहती है।
वैश्विक तापमान बढ़ाने में 90 जीवाश्म ईंधन कंपनियां ज्यादा जिम्मेदार : शोध
नई दिल्ली। दुनियाभर में 90 बड़े कार्बन उत्पादकों द्वारा किया गया उत्सर्जन पृथ्वी पर तापमान वृद्धि में प्रमुख कारक हैं। कुल तापमान वृद्धि में इनका आधा योगदान है। यही नहीं इसकी वजह से वर्ष 1880 से वैश्विक समुद्र स्तर में करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक अंतरराष्ट्रीय शोध इसका खुलासा किया गया है। शोध में 1880 से 2010 तक करीब 16 फीसदी वैश्विक औसत तापमान वृद्धि के लिए बीपी, शेवरॉन, कोनोकोफिलिप्स, एक्सोनमोबिल, पीबॉडी, शेल एंड टोटल सहित 50 निवेशक स्वामित्व वाले कार्बन उत्पादकों को दोषी ठहराया गया है और इसी अवधि में करीब 11 फीसदी वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में 90 बड़े कार्बन उत्पादकों द्वारा किया गया उत्सर्जन पृथ्वी पर तापमान वृद्धि में प्रमुख कारक हैं। कुल तापमान वृद्धि में इनका आधा योगदान है। यही नहीं इसकी वजह से वर्ष 1880 से वैश्विक समुद्र स्तर में करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक अंतरराष्ट्रीय शोध इसका खुलासा किया गया है। शोध में 1880 से 2010 तक करीब 16 फीसदी वैश्विक औसत तापमान वृद्धि के लिए बीपी, शेवरॉन, कोनोकोफिलिप्स, एक्सोनमोबिल, पीबॉडी, शेल एंड टोटल सहित 50 निवेशक स्वामित्व वाले कार्बन उत्पादकों को दोषी ठहराया गया है और इसी अवधि में करीब 11 फीसदी वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि हुई है।
इस तरह का पहला शोध वैज्ञानिक जर्नल ‘क्लाइमेट चेंज’ में बीते सप्ताह प्रकाशित हुआ। इसमें विशेष जीवाश्म ईंधन उत्पादकों द्वारा उत्सर्जन से वैश्विक जलवायु परिवर्तन में संबंध को दर्शाया गया है। शोध में गैस, तेल व कोयला उत्पादकों और सीमेंट निर्माताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनके उत्पादों व उत्पादन प्रक्रिया व निष्कर्षण से पैदा होने वाली कार्बन डाई आक्साइड व मीथेन उत्सर्जन से वैश्विक तापमान व समुद्र स्तर में वृद्धि की गणना की गई है।