विज्ञान और टेक्नोलॉजी

दुनियाभर में हो रही प्लास्टिक की बारिश! जानिए क्या होगा इसका स्वास्थ्य पर असर

दुनिया भर के विद्वानों ने विभिन्न अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा है कि दुनिया भर के देशों की सरकारें प्लास्टिक प्रतिबंध को लागू करने का काम बढ़चढ़कर और तेजी से कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ प्लास्टिक रेन दुनिया के साफ सुथरे और पॉल्युशन से रहित शहरो को गंदा कर रहे हैं।

Dec 17, 2022 / 08:28 am

Archana Keshri

What is plastic rain and how does it affect our health?

पूरी दुनिया में प्लास्टिक रेन हो रही है। ये कोई मजाक नहीं है, यह बात बिल्कुल सच है। एनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्वोलॉजी में इसी हफ्ते छपी स्टडी के मुताबिक भारत समेत पूरी दुनिया में प्लास्टिक रेन हो रही है। स्टडी के अनुसार ये माइक्रोप्लास्टिक हैं, जो नंगी आंखों से नहीं दिखते, लेकिन जिन्हें इकट्ठा किया जाए तो प्लास्टिक का पहाड़ खड़ा हो जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक गंभीर स्थिति है, जिसे हम सभी नजरअंदाज कर रहे हैं। अब समझना ये है कि आखिर ये प्लास्टिक की बारिश क्यों हो रही है, और ये प्लास्टिक आ कहां से रहा है? और इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?
क्या है प्लास्टिक रेन
इस बारिश में आ रही माइक्रोप्लास्टिक का साइज 5 मिलीमीटर जितना होता है। माइक्रोप्लास्टिक खिलौनों, कपड़ों, गाड़ियों, पेंट, कार के पुराने पड़े टायर या किसी भी चीज में होते हैं। ये इन सभी समानों और इंसानों से होते हुए समुद्र में पहुंच रहा है। जिसके बाद यह समुद्र के इकोसिस्टम का हिस्सा बन जाते हैं और वापस धरती पर बारिश बनकर लौट आते हैं।
धरती पर क्या हो रहा असर
साइंस जर्नल में अमेरिका पर हुई एक स्टडी में एक ऐसे शहर को लिया गया जहां प्रदूषण बिल्कुल नहीं था। यहां लगभग 14 महीने तक बारिश की जांच की गई। इस जांच में पता चला कि इतने ही महीनों में यहां एक हजार मैट्रिक टन से भी ज्यादा प्लास्टिक बरस चुका है।
बारिश से साफ शहर भी हो रहे प्रदूषित
ये जांच दक्षिणी नेशनल पार्क की हवा में की गई। ये एरिया पूरी तरह से प्रोटेक्टेड है, यहां न तो कई किलोमीटर तक कोई गाड़ी चलती है और न हीं यहां किसी तरह का पॉल्यूशन फैलाने वाला स्रोत है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बारिश से प्रदूषित शहर के साथ-साथ साफ शहर में भी प्रदूषण फैल रहा है।
प्लास्टिक रेन का क्या होगा सेहत पर असर
माइक्रोप्लास्टिक पर हुए एक रिसर्च के अनुसार हम रोजाना लगभग 7 हजार माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े अपनी सांस के जरिए लेते हैं। पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी की स्टडी में माना गया कि ये वैसा ही है, जैसा तंबाखू खाना या सिगरेट पीना। मगर अभी फिलहाल इस बात का पता नहीं लगाया जा पाया है कि कितनी मात्रा हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।
प्लास्टिक से होता है शरीर पर बुरा असर
आमतौर पर यह कहा जाता है कि प्लास्टिक सेहत पर बुरा असर डालता है। इससे हमारे पांचन तंत्र से लेकर प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। वहीं प्लास्टिक से कैंसर होने का भी खतरा होता है। वहीं प्लास्टिक रेन भविष्य में खतरनाक साबित हो सकती है।

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