विज्ञान और टेक्नोलॉजी

वैज्ञानिकों ने की अब तक के सबसे बड़े ब्लैकहोल की खोज, सूर्य से भी 142 गुना है ज्यादा भारी

Massive Black Hole Found : नए ब्लैकहोल की खोज गुरत्व तरंगों के जरिए हुई है, इसे डिटेक्टर्स ने पकड़ा है
इस ब्लैकहोल का नाम GW190521 है, इसके विलय से 17.2 अरब प्रकाश वर्ष दूर पृथ्वी तक रौशनी पहुंची

Sep 03, 2020 / 05:43 pm

Soma Roy

Massive Black Hole Found

नई दिल्ली। ब्रह्माण्ड के अनगिनत रहस्यों की गुत्थी सुलझाने के सिलसिले में वैज्ञानिकों एक एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। हाल ही में उन्होंने अब तक के सबसे बड़े और सबसे दूर के ब्लैकहोल (Supermassive Black Hole) की खोज की है। इसका नाम GW190521 है। इसे लेसर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेश्नल वेव ऑबजर्वेटरी लीगो (LIGO) और इटली स्थित वर्गो (VIRGO) के गुरुत्व तरंग खगोलविदों ने खोजा है। वैज्ञानिकों ने इस ब्लैकहोल का पता गरुत्वीय तरंगों से जरिए लगाया।
ब्लैकहोल GW190521 सूर्य से 142 गुना ज्यादा भारी है। यह अब तक सबसे बड़ा और दूर का खोजा गया ब्लैकहोल है। इसका निर्माण दो ब्लैकहोल के विलय से हुआ है। उस दौरान 0.1 सेकंड के लिए एक गुरुत्वीय तरंग निकली थी। वैज्ञानिकों के अनुसार ये ब्लैकहोल एक-दूसरे का चक्कर लगाते हुए आपस में टकरा कर मिल गए और एक विशाल ब्लैकहोल में तब्दील हो गए। इसी विलय की वजह से गुरुत्व तरंगें पैदा हुईं जो 17.2 अरब प्रकाश वर्ष दूर पृथ्वी तक पहुंची। इसे लीगो और वर्गो के डिटेक्टर्स ने पकड़ा। यह खोज फिजिकल रीव्यू लैटर्स एंड द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लैटर्स में हाल ही में प्रकाशित हुई है।
अभी तक दो ही तरह के ब्लैकहोल खोजे जा सके हैं एक जो तारे से बनते हैं और दूसरे सुपरमासिव ब्लैकहोल (SMBH) होते हैं। तारों से बने ब्लैकहोल का भार हमारे सूर्य से 10 गुना ज्यादा तक होता है, जबकि सुपरमासिव ब्लैकहोल का भार सूर्य से करीब 10 लाख गुना ज्यादा होता है। अब वैज्ञानिकों ने एक और श्रेणी बनाई है जो 100 से एक लाख सूर्य के भार वाले ब्लैकहोल की होती है। इन्हें इंटरमिडिएट मास ब्लैकहोल (IMBH) कहा जाता है। इनमें ऐसे ब्लैकहोल आते हैं जो गुरुत्व तरंगों के जरिए बनते हैं।

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