शेपर्ड और उनकी टीम ने हवाई के एक टेलिस्कोप का इस्तेमाल करके शनि के नए चांदों की तलाश इस साल गर्मियों में की। शेपर्ड के मुताबिक, अभी 100 और छोटे चांद शनि के चक्कर लगा रहे हैं जिनकी तलाश की जानी बाकी है। शनि का चक्कर लगाने वाले 5 किलोमीटर के व्यास वाले और बृहस्पति का चक्कर लगाने वाले 1.6 किलोमीटर जितने छोटे चांदों का पता लगा लिया है। बृहस्पति की तुलना में शनि के इर्द गिर्द छोटे चांदों का पता लगाना ज्यादा मुश्किल है क्योंकि शनि पृथ्वी से बहुत दूर है।
वैज्ञानिकों ने जिन 20 नए चांदों की खोज शनि के चारों और की, इनमें से 17 उसके ईर्द गिर्द उल्टी दिशा में चक्कर लगा रहे हैं जबकि 3 उस दिशा में चक्कर काट रहेहैं जिस दिशा में शनि खुद घूमता है। इन चांदों की शनि से दूरी इतनी है कि इन्हें एक परिक्रमा पूरी करने में 2-3 साल लग रहे हैं। हालांकि, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा अब भी बृहस्पति के पास ही है। गेनीमेडे चांद पृथ्वी के आकार का लगभग आधा है। वहीं शनि के पास मिले सभी 20 चांद काफी छोटे हैं। इनमें से सभी का व्यास लगभग 5 किलोमीटर है।