स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट की ओर से त्वचा के भीतर एक नया अंग खोजा है। जो एक जाल जैसा अंग है जिसमें ग्लियाल कोशिकाएँ होती हैं। इसे नोसिसेप्टिव ग्लियो-न्यूरल कॉम्प्लेक्स कहते हैं। ग्लिअल कोशिकाएं बालों जैसी संरचनाओं से घिरी होती हैं जिन्हें बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति संवेदनशील माना जाता है।
नागफनी के ये 10 फायदे जान चौंक जाएंगे आप, वजन कम करने में असरदार शोधकर्ताओं ने स्किन के इस आर्गेन को परखने के लिए चूहों पर टेस्ट किया गया। इसके लिए नई कोशिकाओं के इस नेटवर्क को चूहों में अवरुद्ध कर दिया गया, तो इससे उनकी दर्द की अनुभूति कम हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पुराने दर्द को समझने में मदद मिलेगी।
शोधकर्ताओं ने स्किन की नई कोशिकाओं के साथ फ्लोरोसेंट कोशिकाओं को टैग किया। उन्होंने पाया कि जब इन्हें गर्मी जैसी उत्तेजना के संपर्क में लाया जाता है, तो जाल जैसी परत में दर्द के प्रति संवेदनशील नसें सक्रिय हो जाती हैं। इससे डायबिटीज, क्रॉनिक पेन, मसल्स में खिंचाव आदि समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलेगी।