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SBI ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित चैट असिस्टेंट पेश किया

SBI ने बैंक के एक प्रतिनिधि की तरह ग्राहकों की सहायता के लिए एसबीआई इंटेलिजेंट असिस्टेंट (एसआईए) नामक चैट असिस्टेंट की घोषणा की।

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Jameel Ahmed Khan

Sep 25, 2017

State Bank of India

State bank of India

मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बैंक के एक प्रतिनिधि की तरह ग्राहकों की सहायता के लिए सोमवार को एसबीआई इंटेलिजेंट असिस्टेंट (SIA) नामक चैट असिस्टेंट की घोषणा की। पायजो द्वारा विकसित, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित बैंकिंग एप्लिकेशन 'एसआईए' एक सेकेंड में करीब 10,000 सवालों का जवाब दे सकता है, जोकि गूगल द्वारा प्रति दिन दिए गए जवाबों से 25 प्रतिशत ज्यादा है।

एसबीआई के सीटीओ, शिवकुमार भसीन ने एक बयान में कहा, एसआईए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और संवादात्मक बैंकिंग (सीबी) में अभूतपूर्व बैंकिंग एप्लिकेशन का एक सटीक उदाहरण है। यह ग्राहक सेवा को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा और पायजो की दक्षता ने हमें वैश्विक बैंकिंग माहौल में 'एसआईए' जैसा सर्वश्रेष्ठ चैटबॉक्स बनाने में मदद की।

यह चैट असिस्टेंट मोबाइल, आईवीआर, एसएमएस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद होगा। 'एसआईए' क्षेत्रीय भाषाओं में भी काम करेगा। पायजो के संस्थापक और सीईओ श्रीनिवास नजय ने कहा, एसआईए' बैंकिंग के क्षेत्र में एक क्रांति है। यह बैंकों और ग्राहकों के बीच होने वाले संवाद के तरीकों में भारी बदलाव लाएगा।

वर्तमान में यह चैट असिस्टेंट बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं से जुड़े सवालों का ही जवाब देगा। इसे बहुत ज्ञान के साथ प्रशिक्षित किया गया है और यह अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देने में माहिर है।

ऑनलाइन टूल्स से एसएमई को मदद : फेसबुक
नई दिल्ली। भारतीय निर्यातकों में जहां 43 फीसदी छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमी (एसएमई) हैं, जिनका कहना है कि वे अपनी 75 फीसदी अंतरराष्ट्रीय बिक्री के लिए ऑनलाइन टूल्स पर निर्भर हैं। फेसबुक द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण में बुधवार को यह जानकारी दी गई।

फेसबुक, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) और विश्व बैंक के बीच जारी सहयोग के अंतर्गत 'कारोबार का भविष्य' सर्वेक्षण से पता चला है कि 56 फीसदी व्यापारियों और गैर-व्यापारियों को अपने मौजूदा व्यापार पर भरोसा है, चार एसएमई में लगभग तीन अपने व्यापार के सकारात्मक भविष्य पर भरोसा रखते हैं।

फेसबुक इंडिया के सार्वजनिक नीति के निदेशक (दक्षिण एशिया) अंकी दास ने कहा, दुनिया भर में करीब 27 करोड़ लोग भारत के छोटे व्यवसायों से जुड़े हैं। इन व्यवसायों में व्यापार बढ़ाने, नए अवसर खोजने और घरेलू बाजार और विदेशी बाजार में ग्राहकों को ढूढऩे में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है।

सर्वेक्षण में पाया गया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करनेवाले व्यापारियों ने घरेलू बाजारों में व्यापार करने के मुकाबले अधिक रोजगार पैदा किए हैं (35 फीसदी की तुलना में 27 फीसदी)। भारतीय एसएमई आश्वसत है कि वे वैश्विक स्तर (औसतन 19 फीसदी) की तुलना में अधिक रोजगार (28 फीसदी) पैदा करेंगे।

दास ने कहा, हमारे शोध से पता चलता है कि जो छोटे व्यवसाय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में लगे हुए हैं, वे भविष्य के बारे में ज्यादा आश्वस्त हैं और गैर-व्यापारियों की तुलना में ऑनलाइन टूल्स का अधिक उपयोग करते हैं। करीब 49 फीसदी एसएमई निर्यातकों का कहना है कि करीब 25 प्रतिशत राजस्व उन्हें अंतरराष्ट्रीय बिक्री से प्राप्त होता है।