आईआईटी रुड़की के शशि, दिव्य, निशांत, राहुल व सिद्धांत की कंपनी का नाम ऑरिका आईटी है। उन्होंने ऐसी डिवाइस तैयार की है, जिसमें राजस्थान की विरासत को सहेजा गया है। आग्यूमेंटेन रियलिटी नाम के इस डिवाइस में विरासतों को विजुलाइज किया गया है। इस डिवाइस के सामने खड़े होकर आप खुद को उस विरासत के बेहद करीब पाते हैं, जिसका विजुअल सामने दिख रहा है।
आग्यूमेंटेन रियलिटी नाम के डिवाइस के सामने खड़े होकर आप खुद को उस विरासत के बेहद करीब पाते हैं।क्लॉस रूम टीचिंग में भी इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्टार्टअप आरकेपुरम डीओ आईटी के वाजिद मंसूरी ने मोबाइल वीडियो को एलईडी की साइज में देखने का विशेष परफार्मो तैयार किया है। इसमें आंखों में विशेष कांच लगाने पर थियेटर का अनुभव किया जा सकता है। यह परफार्मो घर बैठे भी बना सकते हैं। यह कागज का बना होता है।
ग्वालियर के पुलकित गुप्ता ने वर्चुअल क्रिकेट रियेलिटी डिवाइस तैयार किया है। इसमें आंखों पर विशेष चश्मा लगाया जाता है, जिसमें क्रिकेट की बॉल थ्रीडी इमेज में आपको आंखों की ओर आती हुई दिखाई देती है। पुलकित की कंपनी का नाम है मॉर्डन वीआर। छह माह में इस कंपनी ने यह डिवाइस तैयार की है।
आंखों पर विशेष चश्मा लगाकर थ्रीडी का अनुभव लेते हुए।
विशेषज्ञों द्वारा बनाई हुई गोकार्ट का आनन्द लेते हुए युवती।
फेस्ट में तैयार हवामहल का थ्री डी मॉडल।
गुरुकुल रानपुर के स्टूडेंट अश्विनी मालव, धीरज शर्मा, अंकुर मीणा, हर्षत पारेता और मोहित भट्ट ने इलेक्ट्रिकल बाइक बनाई है। यह बाइक ईको फ्रेंडली है।
ऑटो डेस्क कंपनी द्वारा तैयार थ्रीडी ड्रोन को देखते आईजी विशाल बंसल, पुलिस अधीक्षक अंशुमान भौमिया।
डीजीफेस्ट में तैयार कोटा का मॉडल।
डीजीफेस्ट में फ्लाईओवर का मॉडल देखते जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, नगर निगम आयुक्त विक्रम जिंदल व एडीएम सुनीता डागा।