असल में यहां कई गैलेक्सियां यहां पर आपस में भिड़ गए हैं। नासा ने अपनी वेबसाइट पर इसे ‘बैटलिंग गैलेक्सीज़’ का नाम दिया है। इस झुंड में सबसे ऊपर मौजूद आकाशगंगा को यूजीसी 1810 (UGC 1800) के नाम से जाना जाता है।
लेकिन दूसरी गैलेक्सियों से मिलने के बाद इसे समेकित रूप से आर्प 273 का नाम दिया गया। हमारी पृथ्वी से क़रीब 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर आर्प 273 एंड्रोमेडा कॉन्सटलेशन के क़रीब स्थित है। अमूमन आकाशगंगाओं का आकार सर्पिल (Spiral) होता है।
लेकिन इस टकराव की वजह से आर्प 273 बिल्कुल ही अलग आकार दिखने लगा है। ऐसा क्यों हुआ है वैज्ञानिक अभी इसकी विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करने में लगे हुए हैं। मुख्य गैलेक्सी यूजीसी 1810 का बाहरी छल्ला चमकदार नीले रंग का है।
अभी तक जो मिली जानकारी के मुताबिक वहां बेतरतीब और तीव्र गुरुत्वाकर्षण का टकराव चल रहा है और इसी वजह से गैलेक्सियां आपस में टकरा रही हैं। यूजीसी 1810 की चमकीली नीली पट्टियों में असंख्य विशालकाय सितारे मौजूद हैं।