अंतरिक्ष में पृथ्वी के अलावा किसी अन्य खगोलीय पिंड पर पानी की मौजूदगी को लेकर कई तरह के दावे पहले भी किए जा चुके हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक इन दावों की पुष्टि करने के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं।
एक नए अध्ययन से पता चला है कि हमारे सौर मंडल के सातवें ग्रह यूरेनस के दो सबसे बड़े चंद्रमा पर सतह के नीचे महासागर छिपे हो सकते हैं। यूरेनस के 27 ज्ञात चंद्रमा हैं जिनमें टाइटेनिया सबसे बड़ा और ओबेरॉन दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि अगर उनके आउटर शेल से गर्मी निकलती है तो दोनों पर महासागर मौजूद हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में रिसर्च के लेखक फ्रांसिस निम्मो कहा कि मैं शर्त लगा सकता हूं कि इन पिंडों पर महासागर मौजूद हैं। यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। यूरेनस को ‘आइस जाइंट’ के रूप में जाना जाता है जो 50,000 किमी बड़ा ग्रह है। यूरेनस के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटेनिया का व्यास लगभग 980 मील (1,576 किमी) का है। जबकि ओबेरॉन का व्यास लगभग 946 मील (1,522 किमी) है। दोनों की सतह का औसत तापमान -392°F (-200°C) के आसपास होता है।
दावा किया जा रहा है कि इन चंद्रमाओं के भीतर गहराई में रेडियोधर्मी तत्व अपने कुछ आंतरिक पानी को पिघलाए रख सकते हैं। टाइटेनिया और ओबेरॉन की तुलना में ग्रह के करीब यूरेनस के कई छोटे चंद्रमाओं को ज्वारीय ताप से अपनी ज्यादातर आंतरिक गर्मी मिलती है।
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उन्होंने कहा कि टाइटेनिया और ओबेरॉन सहित बड़े और ज्यादा दूरी पर स्थित चंद्रमाओं की जमी हुई सतह के नीचे की बर्फ को पिघलाने के लिए ज्वारीय ताप पर्याप्त नहीं होगा। शोधकर्ताओं ने यूरेनस के सभी पांच प्रमुख चंद्रमाओं – ओबेरॉन, टाइटेनिया, उम्ब्रील, एरियल और मिरांडा पर एक महासागर का पता लगाने की क्षमता के साथ भविष्य के मिशनों को डिजाइन करने के महत्व पर जोर दिया है। नासा 2030 के दशक में यूरेनस और उसके ग्रह पड़ोसी नेपच्यून के साथ-साथ उनके आसपास के प्राकृतिक उपग्रहों के लिए एक अंतरिक्ष जांच शुरू करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।