विज्ञान और टेक्नोलॉजी

अब भारत भी करेगा चांद और सूरज की यात्रा, जल्द शुुरू हो रही उल्टी गिनती…

मई में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा चंद्रयान
हो रही है आयुष्मान को भी भेजने की तैयारी

Apr 21, 2019 / 08:36 pm

Navyavesh Navrahi

अब भारत भी करेगा चांद और सूरज की यात्रा, जल्द शुुरू हो रही उल्टी गिनती…

नई दिल्ली- अगले महीने चंद्रयान-2 की उल्टी गिनती शुरू होने जा रही है। इसके साथ ही सूरज (sun ) के करीब जाने के लिए मिशन आदित्य को भी अंतरिक्ष (space ) में भेजने की तैयारी जोरों पर चल रही है। बीते शनिवार को केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र से संबंधित सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान (science ) में चंद्रयान-2 की सफलता देश में बनने वाली योजनाओं को बल देगी।
ये हैं वो महिलाएं जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में किए एतिहासिक बदलाव..इनके बारे में नहीं जानते होंगे आप…

मिशन आदित्य (mission aditya-L1 ) को सूरज के बारे में जानकारियां इक्कठा करने के लिए महत्पूर्ण माना जा रहा है। इन दोनों मिशन को लेकर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस कीर्तिमान के साथ-साथ खगोलीय अध्ययन के नए रास्ते खुलेंगे। आपकों बता दें, भारत दुनिया की कई बड़ी परियोजनाओं में अपना सहयोग दे रहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले दुनिया के सबसे बड़े 30 मीटर व्यास वाले ऑप्टिकल टेलीस्कोप का निर्माण करने में भारत की दस प्रतिशत भागीदारी रही है। इस मिशन में पूरी दुनिया से पांच देश शामिल हैं।

मां के गर्भ में मौजूद इस चीज के कारण, हरी सब्जियां खाने से कतरातें हैं छोटे बच्चे

जानकारों का मानना है कि आइंस्टीन के सिद्धांतों के अलावा बिग बैंग के बाद तारों और आकाशगंगाओं के निर्माण सहित खोज की दुनिया में मिशन एसकेए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस परियोजना को सफलता पूर्वक धरती पर लाने में काफी समय लग जाएगा। भारत ने कम समय में स्पेस साइंस में टॉप पांच देशों की श्रेणी में खुद को स्थापित कर लिया है।

अंतरिक्ष टेलीस्कोप हबल की तरह कर रहा काम

इसरो के एस्ट्रोसेट के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले महशूर वैज्ञानिक प्रोफेसर पीसी अग्रवाल ने कहा कि एस्ट्रोसेट नासा के अंतरिक्ष टेलीस्कोप हबल की तरह परिणाम दे रहा है। यह सफलता देश के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें जरा भी संदेह नहीं कि खोज के क्षेत्र में एस्ट्रोसेट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सीमित साधनों के बावजूद भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में अद्वितीय कामयाबी हासिल कर रहा है, जबकि सुविधाओं में यूरोपीय देशों की तुलना में भारत कहीं पीछे है। सिर्फ 70 साल के दौरान देश यहां तक पहुंच पाया है, जबकि विकसित देशों का सफर हमसे कई कहीं पुराना है।

Hindi News / Science & Technology / अब भारत भी करेगा चांद और सूरज की यात्रा, जल्द शुुरू हो रही उल्टी गिनती…

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.